हिंदी फॉन्ट में हिंदी सेक्स कहानी

Hot Ma aur Beti ki chudai
हाय मेरा नाम विपिन है।मेरी वर्तमान उम्र ३५ साल है। मैं अपनी किशोरावस्था से बहुत ही सेक्सी रहा हूँ। मैं अभी इंदौर मैं रहता हूँ। मैंने आज तक करीब ५० से ऊपर लड़की और आंटी के मजे लिए हैं और उनकी चूत को अपने लंड के दर्शन कराये हैं।
मेरे साथ घटी एक घटना आपको बता रहा हूँकहानी सच्ची है पर पात्रों के नाम बदल कर आपके सामने पेश कर रहा हूँ।
ये उस समय की बात है जब मेरी शादी नहीं हुई थी और मेरी उम्र २७ साल थी।
एक दोस्त के माध्यम से एक मुस्लिम परिवार में आना जाना था। पाँच लोगों का परिवार था वो। पति सलीम ट्रक ड्राईवर जो ज्यादातर घर से बाहर ही रहता था जिसको मैंने कभी घर पर नहीं देखा और न ही उसकी शकल जानता हूँ। पत्नी शबनमथोड़ा सांवला रंग पर कसा हुआ बदन ३४-२८-३६ उम्र उस समय ३६-३७बड़ी लड़की शमीम उमर १८रंग साफ़ ३०-२८-३४ दिखने में साधारण उससे छोटी बानोऔर सबसे छोटा लड़का उम्र १० साल मैं एक बार उनके घर गया तो शबनम ने कहा कि घर मैं तंगी है इसलिए शमीम को कहीं नौकरी लग जाए तो अच्छा रहेगा। मैंने मेरे ऑफिस में उसको नौकरी पर रख लिया। मैं उस वक्त तक उनके बारे में कुछ भी ग़लत नहीं सोचता था।
करीब एक महीने तक उसने मेरे यहाँ काम किया उसके बाद २-३ दिन वो आई नहींमैंने भी ध्यान नहीं दिया,एक दिन मैं मार्केट मैं था तो मुझे शमीम जाती हुई दिखी। मैंने बाईक उसकी तरफ़ मोड़ी और उससे पूछा कि क्या बात है तुम ऑफिस नहीं आ रही हो?
तो उसने बोला कि तबियत ठीक नहीं थीऔर अभी आप मुझे घर छोड़ दो।
मैंने उसे बाइक पे बिठा लियाइससे पहले मैंने कभी उसे बाइक पर नहीं बिठाया था। उसके बैठते ही उसके मम्मे मेरी पीठ पर गडे। मेरा लंड खड़ा हो गया।उसका घर दूर था हम बात करते हुए चल रहे थेरास्ते में सिनेमा हॉल आया तो मैंने उसे पूछा कि पिक्चर देखनी है ?
उसने हाँ कर दी। मेरा लंड तो खड़ा हो ही गया था सो उसे ठंडा करना जरूरी भी था। सिनेमा हॉल में मुश्किल से ३० लोग भी नहीं थे। हमने कोने की सीट पकड़ी और बैठ गए। पिक्चर चल रही थी कि मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया उसने कोई विरोध नहीं किया। मैंने सिग्नल ग्रीन समझ कर धीरे से उसके मम्मों पर हाथ रख दिया उसने उसका भी कोई प्रतिवाद नहीं किया। मेरी हिम्मत बढ़ गईइधर पैंट में लंड कड़क होने लगा था।
मैंने धीरे -२ उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए उसे भी अच्छा लग रहा था। धीरे से मैं अपने हाथ उसके कुरते के अन्दर ले जाकर उसकी ब्रा के ऊपर और अन्दर से उसके निप्पल और गोलाई के मजे लेने लगा। पर दोस्तों ! मजा अभी भी अधूरा था।
तो मैंने धीरे से उसकी सलवार में हाथ डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ चलाने लगा। अब उसको भी मजा आने लगा था पर वो शायद पहल करने में अभी भी शरमा रही थी। मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड जो अब तक काफी तगड़ा हो चुका था बाहर निकल लिया
और उसका हाथ पकड़ कर मैंने अपने लंड पर रख दियावो शायद इसका ही इंतजार कर रही थी।
इधर मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा। वो भी मेरे लंड को अपने कोमल हाथ से सहला रही थी। मैं कभी उसके दूध दबाऊं और कभी उसकी चूत में उंगली डालूँ।
दोस्तों मुझे बिल्कुल भी अपनी तकदीर पर विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसे अकस्मात मुझे उस लड़की का सब कुछ मिल जाएगा जिसे मैंने कभी इस नज़र से देखा ही नहीं।
इधर उसके हाथ मेरे लंड पर कसावट के साथ चलते जा रहे थे और दूसरे हाथ से उसने मेरा हाथ जो उसकी चूत में था उसको पकड़ लिया और मेरे हाथ को वो अपनी चूत में तेज़ी से अन्दर बाहर करने लगी। उसकी चूत ने थोडी देर में ही पानी छोड़ दिया जिसे उसने अपने रुमाल से पोंछ लिया। अब उसकी बारी थी मैंने उसे मेरा लंड मुंह में लेने के लिए बोला तो उसने ना कर दिया। फिर वो मेरी तरफ़ इस तरीके से मुड़ गई कि मैं उसके दूध पी सकूं मैंने उसके दूध पीने शुरू कर दिएइधर उसने मेरे लंड पर अपना हाथ और तेज़ कर दिया जिससे मेरा पानी निकल जाए पर कमबख्त पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर मैंने उसकी सलवार उतार कर घुटने तक कर दी और पैंटी नीचे खिसका कर उसे इस तरह से बिठाया कि उसकी चूत मेरे लंड के ऊपर आ जाए। मैंने उसे इस पोसिशन में बिठाकर नीचे से धक्के देने शुरू कर दिए मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक गया थावो भी मेरे लंड के मज़े लेने लगी इधर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे दबाना और मसलना जारी रखा। करीब तीन मिनट की उछल कूद के बाद उसने अपनी गांड मेरे लंड पर दबा ली और मेरी जाँघों पर अपने हाथ कस लिए। मैं समझ गया कि ये अब जाने वाली हैमैंने भी अपना लंड उसकी चूत में गहराई तक डाल कर उसके मम्मे दबाते हुए अपना पानी निकाल दिया।
उसके बाद हमने अपने-२ रूमाल से अपने लंड और चूत साफ़ किए और सामान्य होकर बैठ गए। उसने बोला कि अब आप मेरे को घर छोड़ दो क्योंकि घर पर मेरा इंतज़ार हो रहा होगा। उसने मुझे ये भी बोला कि घर पर मत बताना कि हम पिक्चर गए थे। दोस्तों मुझे चुदाई का शुरू से ही बहुत शौक रहा है। अभी मैं चाहता हूँ कि नई चूत चोदने के लिए मिले ! अगली बार आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने शबनम और उसकी बेटी की एक ही पलंग पर रात भर चुदाई की। मेरी अगली कहानी का 

একসাথে চুদবে নাকি তুমি আন্টি?

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আন্টি বাতি নিভিয়ে শুয়ে পড়লেন। আমিও একটু পরে আন্টির পাশে গিয়ে চাদর টেনে অন্যদিকে ফিরে শুয়ে পড়লাম। সাগরের ঘর থেকে এখনো আলো আসছে। আমার জীবনের প্রথম চোদন ওনাকেই, ভাবতেই আমার ধোন দাঁড়িয়ে গেল। ভাল লাগছে না কিছুই, ঘুম ও আসছে
না। চুপ মেরে আছি। কিছুক্ষন এভাবে যাওয়ার পর একটু নড়তেই আন্টি ফিস ফিস করে
– কি? ঘুম আসছেনা?
– না আন্টি, এম্নিতেই… আমিও নিচু স্বরে জবাব দিলাম
– তোমার মনে হয় একা শুয়ে অভ্যাস। বলে চোখ বন্ধ করে অন্যপাশে ফিরলেন আন্টি।
এভাবে আরো কিছুক্ষন চলে গেল। আন্টি আবার বললেন- শুভ, New banglachoti বাবা। ঘুমিয়েছ? আমার মাথাটা খুব ব্যাথা করছে। একটু টিপে দিবে?
আমি আর কথা না বাড়িয়ে আন্টির দিকে ফিরে আস্তে আস্তে কপালে হাত বুলাতে লাগ্লাম।
– ওভাবে না। একটু জোরে জোরে টিপে দাও। ফিস ফিস করে বললেন আন্টি।
মনে মনে বললাম। বুকে ব্যাথা হলে ভাল হত, ইচ্ছে মত টিপে দেয়া যেত। এভাবে ১০ মিনিট যাওয়ার পর ঘরের আলো নিভে গেল। সম্পুর্ণ অন্ধকার হয়ে গেল। আন্টি এবার উপুড় হয়ে শুয়ে বল্লনে- ঘাড়টা ব্যহাথা করছে খু, একটু টিপে দাওতো বাবা।
আমিও শুয়ে শুয়ে ঘাড়ে মাথায় টিপে দিতে লাগ্লাম। এভাবে কিছুক্ষন টিপার পর আমার হাত ব্যাথা করতে শুরু করল।
– আন্টি এবার আমি বসে টিপে দিই? হাত ব্যাথা করছে শুয়ে শুয়ে দিতে দিতে। আন্টি কিছু বললেন না।
আমিও ভাব্লাম এত চিন্তা করে লাভ নাই। New banglachoti ওনাকে আগেও চুদেছি, একটু সাহস দেখাতেই হবে। নাইলে কিছু পাওয়া যাবেনা। আমিও আস্তে আস্তে ওনার ঘাড় থেকে পিঠে, কোমরে, দুই হাতের নিচে বুকের কাছে হাত বুলাতে লাগ্লাম। আন্টির দিক থেকে কোন সাড়া নেই। পাশ ফিরে কাঁৎ হয়ে শুয়ে আছেন। এভাবে আরো কিছুক্ষন গেল। এবার পায়ের দিকে গিয়ে পায়ের পাতা। পায়ের নিচের ভাগ তারপর উরু এভাবে টিপে দিতে দিতে সারা শরিরে হাত বুলাতে থাকলাম। মনে হলো আন্টি একটূ শিরশিরিয়ে উঠলেন। আমি আশার আলো দেখতে পেলাম। আজ মনে হয় আমার দিন। আমি এবার উরুর একটু উপরে পাছার কাছাকাছি হাত বুলাতে লাগ্লাম। দেখি আন্টি কি বলে… আন্টি একটু সরে সোজা হয়ে শুলেন। এতে আমার সুবিধাই হলো। আমি দুহাত দিয়ে ভাল করে ঘষতে লাগ্লাম। হাত সরাবো না আজকে। আমি উরুর ভেতরে দিকে কচলে কচলে উপরে উঠছি আস্তে আস্তে। আন্টি এখন ঘুমের ভান করছেন। আমিও আমার কাজ চালিয়ে যাচ্ছি। হাত যতই যোনীর কাছাকাছি যাচ্ছে, আন্টি কেঁপে কেঁপে উঠছেন। উনি যেহেতু কিছু বলছেন না, আমার আর ভয় পাবার কোন কারন নেই। আমিও সাহস নিয়ে এবার কানের কাছে ফিস্ফিস করে বললাম- ভাল লাগছে?
উনি কিছু না বলে আমকে জাপ্টে ধরে টেনে বুকের সাথে জড়িয়ে ধরলেন। আমিও গ্রীন সিগ্নাল পেয়ে কাজ শুরু করে দিলাম। ২ বছর পরে আবার সুযোগ পেলাম। মাগীকে খেলিয়ে খেলিয়ে চুদতে হবে। আমি আস্তে আস্তে ওনার ম্যাক্সি খুলে দিলাম। আমার গায়ের গ্যাঞ্জিটা খুলে নিলাম। ওনার শরিরে ব্রা আর প্যান্টি আর আমি শুধু লুঙ্গি পরে। আমি মাথার উপর দিয়ে লুঙ্গিটা খুলতে খুলতে আন্টির শরির টা দেখে নিলাম ভাল করে। না, আগের মতি আছে। শরিরে আর কিছু রাকাহ্র মানে হয়না। ব্রা-প্যান্টিও খুলে নিলাম। ঠোঁট এ আমার ঠোঁট চেপে ধরলাম আর হাত দিয়ে দুধ মলতে লাগ্লাম। উনি আমাকে চেপে ধরে পিঠে হাত দিয়ে চটকাতে লাগ্লেন। মুখ দিয়ে ঘঙ্ঘন নিঃশ্বাস পড়চে আন্টির, উনি চেষ্টা করছে সাম্লাতে। আওয়াজ শুনে মেয়ে এসে মা কে চোদাচুদি করতে দেখলে ওনার কি হবে জানিনা, আমার মনে হয় লাভই হবে। আমি জভ দিয়ে ওনার দুধের বোঁটা চাটতে লাগ্লাম। আন্টি- আঃ উফ! ইসস ইসস হা আহা আআ করে আওয়াজ করতে লাগ্লেন যত নিচু স্বরে সম্ভব আর হাত দিয়ে আমার ধোন ধরে আগেপিছে New banglachoti করতে লাগ্লেন। আমি উলটো হয়ে আমার ধোনটা একপ্রকার জোর করে আন্টির মুখে ঠেসে দিয়ে যোনীতে মুখ দিলাম। রস এসে ভিজে গেছে ওখানে। আমি জিভ দিয়ে লম্বা করে করে চাটা শুরু করলাম। আর আঙ্গুল দিয়ে ফুটোতে ঘষতে লাগ্লাম। আন্টিও আর থাকতে না পেরে মুখ থেকে ধোন বের করে- ওরে চোদানী, হাত দিস্না ওখানে…আমি আর থাকতে পারছিনা আআ নাআআ আহ আ আ…
আমি আরও মজা পেয়ে জোরে জোরে আঙ্গুল চালাতে লাগ্লাম। আর জিভ দিয়ে সুরসুরি দিয়ে লাগ্লাম। এভাবে কিছুক্ষন যাওয়ার পর আন্টি আর থাকতে না পেরে কোমর বাঁকিয়ে মুখ দিয়ে কোঁতের মত শব্দ করে ছরছর মুতে দিলেন। আমি এবার চারটা আঙ্গুল একসাথ করে যোনীর ফুটোয় ঢুকিয়ে দিলাম আর দুধ চুষতে থাকলাম। আন্টি আর পারলেন না, আমাকে সরিয়ে দিয়ে নিজেই আমার ধোন ধরে যোনীতে সেট করে ঢুকিয়ে নিলেন। আর আমার উপ্র চরে বস্লেন। আমি ধোনে ব্যাথা পেলাম। আমি অবস্থা বেগতিক দেখে আন্টিকে চিৎ করে শুইয়ে এক্টহাপে পুরো ধোন ঢুকিয়ে দিলাম পড়পড় করে। আবার বের করে শক্তি সঞ্চয় করে কড়া চোদন দেয়ার জন্য ওনার পা দুটো আরো ফাঁকা করলাম। এবার শুরু করলাম রামচোদা। এভাবে ১৫-২০ ঠাপ দিতেই আন্টি আবার গাল্গাল শুরু করল
– ওরে মাগির ছেলে। এত চোদা শিখেছিস কোত্থেকে। মা-চোদা নাকি দুই খাঙ্কির ছেলে? না হলে মায়ের বয়েসী আমাকে এমন করে চুদছিস কিভাবে? আহ আহ আআ আআআ। আরো জোরে কর। তোর মনে এই ছিল। নিজের মাকে গিয়ে চুদিস এরপর। মাচোদা খাঙ্কির পো…অক অক আহ আআআআআআ
এরকম গালাগাল শুনে আমার মাথা টং হয়ে গেল।আর মাগীর চিৎকার বেড়েই চলেছে। আমিও মাগীর কথা শুনে থাকতে না পেরে আরো জরে দিতে লাগ্লাম। হঠাৎ মনে হল আমার বের হয়ে যাবে, কিন্ত এত তাড়তাড়ি হার মানলে চলবে না। আমি ধন বের করে একটু জিরিয়ে নিলাম। মাগী কোমর উচু করে আমার ধনে যোনী ঘষতে লাগ্ল আর গালি শুরু করল
– ওরে মাচোদা ছেলে কি হইসে তোর?
এবার আমার মাথায় রাগ চেপে গেল গালি শুনে। আমি মাগীকে হাঁটুম উরে বসিয়ে পিছন থেকে ঠাপাতে শুরু করলাম। শাস্তি হিসেবে আজকে মাগীর পাছার ঢুকাব ধোন। এভাবে কিছুক্ষন ঠাপাতেই মাগী অক অক শুরু করল। আমি এবার ধোন টা বের করে ওটার মাথায় থুথু লাগিয়ে পাছার ফুটোয় লাগাতেই মাগি বলে উঠল
– কিরে শালা, পুটকি চোদা দিবি নাকি? আমার তো একবাও হলোনা। না না না দিসনা বাবা… আমার সোনায় ঢুকা…ওখানে চোদ।
আমি কি না শুনে আরো জোরে ঠেলে দিলাম ধোন মাগীর পাছায়। এবার মাগি ব্যাথায় কঁকিয়ে উঠল।
– ওওও! আহহ আআআআআ ওরে বাঞ্চোত…এই ছিল তোর মনে…আআআ ছার আমাকে আমি পারছিনা।
আমি মুখ চেপে ধোরে আরো ঠেসে দিলাম। তারপর চুলের মুঠি ধরে গায়ের জোরে দিলাম আরো কয়েকটা ঠাপ!
– দে দে শালা। আমার সোনায় আঙ্গুল দিয়ে মার… আমাকে আঙ্গুল মেরে দে…খেঁচে দে…তোকে আমি জামাই ডাক্লাম…তাও দে… হাআ হা আআ…আর পারছিনা।
– ওমা কি হয়েছে তোমার? তুমি এরকম করছ কেন? ওই ঘর থেকে সাগর বলে উঠল। সাগরের গলা শুনেই আমি মাগীর পাছা থেকে ধন বের করতেই টং করে লাফিয়ে উঠল ওটা। আর মাগী কোনরকমে চাদর দিয়ে শরির ঢাকতে ঢাকতে বলল- কিছু না মা, আমার পেটে টা একটু… বলতে না বলতেই সাগর রুমে ঢুকে ফস করে লাইট জ্বালিয়ে দিল। আর আমদেরকে এই অবস্থায় দেখে হাঁ হয়ে গেল।
আন্টি কিছুক্ষন হতবাক হয়ে, চখে মুখে কাম-অতৃপ্তির বিরকি নিয়ে খেঁকিয়ে উঠলেন- তুমি এই ঘরে কেন? বড়দের ব্যাপারে তুমি নাক গলাতে আসবে না, যাও!
আমি নিশ্চিত সাগর ইচ্ছে করেই লাইট জ্বালিয়েছে আমাদেরকে এভাবে দেখার জন্য। ও মনে মনে আমকে দিয়ে… আমি যদিও আন্টির আচরনে অবার হয়েছি। সাগর চলে যেতেই আন্টি আমার দিকে তাকিয়ে ন্যাকা স্বরে বললেন- শুভ এবার এসো, তুমি সামনে থেকে কর। আমি আর পারছিনা…আসো কর।
ঘটনার আবহে আমার ধোন নেতিয়ে গেছে। আমি এবার আন্টি কে বললাম- আপনি সাগরকে এভাবে কেন বললাম?
– ঠিকই আছে! ও কি করবে এখানে। তোমাকে তো আমি চিনি। তুমি সুযোগ পেলে ওকে ঠিক চুদে দিবে। আমি তো ওর মা।
– কমসে কম আপনি ওকে দেখতে তো দিন! ~আমি সাহস করে বললাম।
– এইটা তুমি কি বললে! মা-মেয়ে দুজন কে একসাথে চুদবে নাকি তুমি?
আমি আর কিছু না বলে মাথা নিচু করে আন্টি কে ইশারায় আমার ধন চুষে দিতে বললাম। আন্টি তার পুরু ঠোট দিয়ে আমার ধোন চুষতে শুরু করলেন। আমিও আন্টির দুধ মুখে নিয়ে চুষতে লাগ্লাম।প্ররদার ফাঁকে সাগরকে দেখতে পেলাম, আমার সাথে চোখাচোখি হল। আমি নাটক একটু জমানোর জন্য সাগর কে শুনিয়ে শুনিয়ে বললাম- সাগর তো ঠিকই দেখে ফেলল। ও যদি সবাইকে বলে দেয়?
– না ও বলবে না। আর কথা আস্তে বল। অ শুনতে পাবে। আসো এবার কর!
আমি আন্টিকে শুইয়ে ঠাপানো শুরু করলাম। এবার আমি ইচ্ছে করেই আওয়াজ করতে লাগ্লাম। আর বললাম- আহ~ সোনা…খুব মজা লাগছে। পা একটু ফাঁক কর।
আন্টির মনে হয় হয়ে আসছে। আন্টি যোনী দিয়ে আমার ধন চেপে ধরলেন। আমি সুযগ বুঝে সাগর কে ডেকে নিলাম চোখের ইশারায়।
– আরো জোরে কর শুভ! আহ আআআ …
এরই মাঝে সাগর রুমে ঢুকল। সাগরকে দেখে আমি আরো জোরে ঠাপাতে লাগ্লাম। আর আন্টি মুখে বালিস চাপ দিলেন লজ্জায়। আমি সাগরের দিকে তাকিয়ে বললাম
– সাগর প্লীজ তুমি এ বিষয়ে কাউকে কিছু বল্বেনা।
– আমি বলবই, ছি! শুভদা… এই তোমার ভাল মানুষী! বলে ফোঁস করে রুম থেকে বের হয়ে গেল।
আমিও ওর এইরূপ দেখে লুঙ্গিটা কোন রকম পড়ে ওর পেছন পেছন গেলাম। মাথায় চিন্তা, যে করেই হোক সাগরকেও এই খেলায় টেনে আনতে হবে। আমার পিছন পিছন আন্টিও এলেন। এসে সাগরের দিকে রেগে তাকিয়ে বললেন- শুভ! ওর যদি বলতে ইচ্ছা হয় বলুক। তুমি ওকে কিছু বলনা আর।
সাগর মাথা নিচু করে কাঁদছে- ছি! শুভদা শেষ পর্যন্ত তুমি মাকে? আমার কেন যেন মনে হল। সাগরের রাগ আমার উপর। ওর মার উপরে না। আমি পরিস্থিতি সাম্লানর জন্য বললাম আন্টিকে ভেতরে যেতে। আমি সাগরকে বোঝাচ্ছি। আন্টি চলে গেলেন। এবার আমি সাগরের চোখে তাকিয়ে জিজ্ঞেস করলাম
– সত্যি করে বল সাগর, কি চাও তুমি?
– তুমি কি করে পারলে শুভ দা মাকে নিয়ে… আর মা ও…
– দেখ এখানে আমি ওনার কোন দোষ দেখিনা…ওনার শরিরে চাহিদা থাকতেই পারি…উনি উপোসী মানুষ…তুমি তো বোঝ এখন সব!
– উপোসী কি উনি একাই? আমিও উপোসী না? আমিও চাইলেই কি পারি না তোমার সাথে?… আমি তো আর ছোট নই! আজকে তুমি আমার সাথে শুবে।

ম্যাডামর দেহভোগ

এই কাহিনী আজ থেকে তিন বছর আগের। আমি চাকরি করি। একদিন অফিসিয়াল কিছু কাপড় কেনার জন্য এক দোকানে গেলাম যেখানে ৩০/৩২ বছর বয়সী এক মহিলা বসা ছিল যাকে দেখে আমার মনে হোল উনাকে আমি আগে কোথাও দেখেছি। আমি আড় চোখে ক’বার দেখলাম। এভাবে দেখতে গিয়ে আমাদের ৪/৫ বার চোখাচোখি হোল। আমি দোকান থেকে বের হওয়ার সময় ঐ মহিলা আমাকে বলল যে আমাকে আগে কোথায় যেন দেখেছে, আমিও একই কথা বললাম। মহিলা আমাকে নাম জিজ্ঞেস করলে আমি বললাম। আমার নাম শুনে হঠাৎ হেসে দিয়ে উনি বললেন- তুমি এতো বড় হয়ে গেছো?

আমিঃ কিন্তু ম্যাডাম আমিতো আপনাকে চিনতে পারছিনা।

মহিলাঃ চিনবে কিভাবে? আজ ৭ বছর পর দেখা

আমিঃ কিন্তু ম্যাডাম……

মহিলাঃ আমি তোমাকে ৭ বছর আগে পড়াতাম।

সাথে সাথে আমার মনে পড়লো, উনাকে বললাম কতবছর পর আপনাকে দেখছি কোথায় ছিলেন এতদিন? মহিলা বললেন সব বলব তোমাকে আগে আমাকে আমার বাসায় একটু লিফট দাও কষ্ট করে। উনাকে আমার গাড়িতে বসতে বলে আমি গাড়ি চালাচ্ছিলাম। টুকটাক কথা বার্তা বলতে বলতে জানতে পারলাম উনি কাল মাত্র এই বাড়িতে এসেছেন, এতো দিন বাবার বাড়িতেই ছিলেন স্বামী মারা যাওয়ার পর থেকে। মহিলার ঘরের সামনে এসে পৌঁছলাম। উনি গাড়ি থেকে নেমে আমাকে বললেন ভিতরে এসে এক চাপ চা খেয়ে যেতে। যেহেতু ম্যাডাম বলছেন তাই আমিও গাড়ি একপাশে রেখে বাড়ির ভিতরে ঢুকলাম।

আমি উনাকে এতদিন পর এই বাড়িতে আসার উদ্দেশ্য জানতে চাইলে উনি আমাকে বললেন যে কিছুদিন এই বাড়িতে থাকবেন এবং বিক্রি করে দিয়ে চলে যাবেন। আর এই সময় কোন একটা স্কুলে পড়াবেন। কথা বলতে বলতে উনি আমরা দুইজনের জন্যই চা বানাচ্ছিলেন। বাড়ীটা ছোট হলেও বেশ সুন্দর, ছিমছাম, সবকিছুই সাজান গুছানো। দেখেই বুঝা যায় উনারা দুজনেই অনেক শখ করে সব নিজের হাতে সাজিয়েছেন। একসময় চা তৈরি হয়ে গেলে চা খেতে ডাকলেন। আমি তখন ঘুরে ঘুরে পুরো ঘর দেখছিলাম। চা খেতে খেতে আমি উনাকে বললাম যদি কখনো কিছুর দরকার হয় আমাকে যেন জানায়। উনি বললেন ঠিক আছে আমি জানাব কিন্তু কিভাবে? তুমি আমাকে তোমার মোবাইল নাম্বারটা দিয়ে যাও। এমনিতেও আমার ঘরটা অনেক ময়লা হয়ে আছে, অনেকদিন ছিলাম না যেহেতু। আর আমি ভাবছি কোন স্কুলে জইন করবো তাই স্কুলও খুজতে হবে। আমি বললাম ঠিক আছে আমি আপনার ঘর সাফাই করে দিবো। এই কথা বলছি এই কারনে যে উনি আমার টিচার ছিলেন তাই এটা আমি করতেই পারি। উনাকে বললাম আমি আমার বাসায় গিয়ে কাপড় চেঞ্জ করে এসে শুরু করবো সাফাইয়ের কাজ।এই বলে আমি বের হচ্ছিলাম, ম্যাডাম বললেন তাড়াতাড়ি এসো। আমি ওকে বলে ঘর থেকে বেরিয়ে পড়ি এবং নিজের বাসার উদ্দেশ্যে রওনা দিই। বাসায় পোঁছে তড়িঘড়ি করে কাপড় বদলিয়ে ম্যাডামের বাসায় চলে গেলাম। ঢুকেই দেখি উনি শুধুই ব্লাউস আর পেটিকোট পরে কাজ করছিলেন। আমাকে দেখেই বললেন তাড়াতাড়ি আসো, আমিও আমার শার্ট খুলে কাজে লেগে গেলাম। ঘাম বেয়ে পড়ছিল উনার শরিরে, সেই ঘাম ভেজা শরীর আমি দেখতেই থাকলাম। যৌবন যেন আছড়ে পড়ছিল উনার শরীরে। বেচারি বেশিদিন স্বামী সোহাগ পায়নি। ভালো করে পাওয়ার আগেই মারা গেলেন। উনি সেটা খেয়াল করে বললেন কি দেখছ এমন করে? আমি বললাম কিছুনা ম্যাডাম।

উনি বললেন কিছুতো অবশ্যই, বলেই হাসলেন। কিছুক্ষণ কাজ করার পর আমি বললাম একটা কথা বলি? উনি বলতে বললে বললাম আপনি অনেক সুন্দর। উনি চুপ করে রইলেন আর কি যেন ভাবলেন। দুপুর যখন দুটো বাজে উনি বললেন খিদে লেগেছে, তুমি কিছু কিনে নিয়ে আসো আমি তোমায় টাকা দিচ্ছি। আমি বললাম আপনি কেন দিবেন? আমি আপনার ছাত্র, এখন চাকরি করছি আমিই আজ আপনাকে খাওয়াবো।

এই বলে আমি বেরিয়ে গেলাম এবং দুটো বিরানির প্যাকেট আর কিছু খাবার নিয়ে যখন ফিরলাম তখন দরজা খোলাই ছিল। দরজার সামনে আসতেই দেখি উনি সোফার উপর শুইয়ে ছিলেন বুকের উপর হাত দিয়ে।ব্লাউস ঠেলে দুধ দুটো যেনো বেরিয়ে যেতে চাচ্ছিলো। অপূর্ব তার দুধের গড়ন। আমি পায়ের দিকে তাকালাম, এক পা ভাঁজ করা অন্য পা সোজা থাকায় পেটিকোট হাটুঁর উপর চলে আসছিল।উনি চোখ বুজে ছিলেন তাই আমার লুকিয়ে দেখাটা টের পাচ্ছিলেন না।

উনাকে এই অবস্থায় দেখে আমি নিজেকে সামলাতে অনেক কষ্ট হচ্ছিলো। উনার শরীরের রং ছিল ফর্সা আর গোলাপি রঙের একটা ব্লাউসে উনাকে অনেক সেক্সি লাগছিলো। আমি মন্ত্রমোহিতের মতো আস্তে আস্তে গিয়ে উনার পেটিকোটের ভিতরে দেখতে লাগলাম। কখন যে আমার হাত সব ভুলে আমার অজান্তে উনার রানে বুলাতে শুরু করলো টের পাইনি। অনেকটা সাহস করে হাত গলিয়ে উনার প্যানটিতে আস্তে আস্তে স্পর্শ করতে লাগলাম কম্পিত চিত্তে। হাতের স্পর্শ পেতেই ম্যাডাম ধরফরিয়ে উঠে গিয়ে জিজ্ঞেস করলেন- কি করছো তুমি? আমার মুখ লাল হয়ে গেলো লজ্জায়, কোন শব্দ বের হচ্ছিলোনা।

আমি আকস্মিকতায় ছুটে যেতেই উনি বললেন, অনেক পাকা হয়ে গেছো তুমি। এসো খাবার খেয়ে নাও অনেক কাজ বাকি পরে আছে। খাওয়া শেষ করে আমরা আবার কাজে লেগে গেলাম। আড়চোখে উনাকে দেখছিলাম আর কাজ করছিলাম, সময় গড়িয়ে চললো। হঠাৎ ঘড়ির দিকে নজর পড়তেই দেখি তখন রাত ৯টা। এতো সময় যে কিভাবে পার হয়ে গেলো টেরই পেলাম না। উনি এটা খেয়াল করে আমাকে বললেন ৯টা বেজে গেলো অথচ কাজ শেষ হলনা। এখনতো আমাকে একা একাই ১১/১২টা পর্যন্ত কাজ করতে হবে, তুমি যদি থাকতে পারো তো থাকো। আমি বললাম- ঠিক আছে ম্যাডাম আমি বাসায় ফোন করে দিচ্ছি। বলব আমি বন্ধুর বাসায় আছি, কাল আসবো। উনিও বলতে বললেন। রাত ১১.৩০ নাগাদ কাজ শেষ হলে উনি বললেন আমি গোসল করে আসছি বলে বাথরুমে চলে গেলেন।

গোসলশেষে যখন উনি বের হলেন একটা ট্রান্সপারেন্ট নাইটি পড়া ছিলেন। আমি উনার শরীর নিয়ে বলি আপনাদের, আগেই বলেছি উনার গায়ের রং ফর্সা। আর দুধের সাইজ ছিল ৩৬, কোমর ৩০ এবং ৩৮ সাইজ পাছা। এমন নাইটি পরিহিতা ম্যাডামকে দেখে আমি চমকে উঠলাম। উনি বললেন যাও এবার তুমি গোসল করে এসো। উনার কথা ভাবতে ভাবতে কখন যে বাথরুমে গিয়ে গোসল করা শুরু করেছি টের পাইনি। হটাৎ খেয়াল হোল আমার আণ্ডারওয়্যার ভিজিয়ে ফেলেছি। তাই আমি তাওয়েল পরে উনার রুমের পাসে আসলাম উনি বললেন সাড়া ঘরে জিনিসপত্র অগোছালো পরে আছে। তুমি আমার রুমে ঘুমাতে হবে আজ। উনার সমস্ত জিনিস বাঁধা ছিল আর আমারও অতিরিক্ত কোন কাপড় ছিলনা তাই তাওয়েল পরেই থক্তে হলো। এই অবস্থায় বাইরে যাওয়া সম্ভব না তাই দুজনে ঠিক করলাম দুপুরের রয়ে যাওয়া খাবারই খাবো সাথে ঘরে যা আছে তাই চলবে। খাওয়া শেষে উনি রুমে চলে গেলেন আমি কিছুক্ষণ সোফায় বসে রুমের দিকে হাঁটতে শুরু করলাম।

বেডরুমে যখন ঢুকলাম দেখি দুপুরের সেই দৃশ্য আবার। উনার মনে হয় এক পা ভেঙ্গে উপরের দিকে আর একপা সোজা করে শোয়ার অভ্যাস। উনার এই ভঙ্গিতে শোয়া দেখেই আমার নিচের বাঘটা আস্তে আস্তে গর্জন শুরু করে দিলো। উত্তেজিত হয়ে ধোন ৭ ইঞ্চিতে রুপ নিয়ে সোজা হয়ে গেলো। উনি লক্ষ্য করলেন ব্যাপারটা কিন্তু কিছুই বললেন না। আমিও চুপচাপ উনার দিকে পিঠ দিয়ে শুইয়ে পরলাম ঠিকই কিন্তু চোখ বন্ধ করতে পারছিলামনা। কিছুতেই নিজেকে শান্ত করতে সম্ভব হচ্ছিলো না। ইচ্ছে করছিল বাথরুমে গিয়ে মাল ফেলে আসতে।

ঘণ্টাখানেক পরে উনি আমাকে ডাকলেন। আমি জবাব না দিয়ে চুপ করে ছিলাম যেন ঘুমিয়ে পড়ছি। মনে মনে ভাবছিলাম উনি আমাকে ডাকলেন কেন। আচমকা যা হোল তাতে আমি নিজেই বিশ্বাস করতে পারছিলাম না, দেখি উনার একটা হাত আমার শরীরে রাখলেন তারপর আসতে আসতে নিচে এনে আমার ধোন ধরে নাড়তে লাগলেন। আমি বুঝতে পারছিলাম উনার হাতের ভিতর আমার ধোন ফুঁসছিল, হয়তো উনিও এটা টের পেয়ে আমাকে বলতে লাগলেন- দেখ আমি জানি তুমি এখনো ঘুমাওনি। আমার দিকে ফিরো, দেখো আমাকে। আমি অগত্যা উনার দিকে ফিরে শুইলাম। উনি বলতে লাগলেন- আমার স্বামীর মৃত্যুর পর এতোবছর না আমি সেক্স করেছি, না আমি সেক্স নিয়ে কখনো ভেবেছি। কেননা আমি এতদিন বাবার বাড়িতেই ছিলাম যেখানে অনেক কড়া রীতি। আজ তুমি যখন আমার সোনায়(ভোদা) স্পর্শ করলে এতগুলো বছর পর আবার আমার ভিতর কামনা জেগে উঠ

লো।আমি তখন ওইসময় বাঁধা দিয়েছিলাম এইকারনে যে আমি নিজেও ঠিক করতে পারছিলাম না তোমার সাথে এসব করা ঠিক হবে নাকে হবেনা। অনেক ভাবার পর সিন্ধান্ত নিলাম তুমিই আমার জন্য উপযুক্ত। এই বলে উনি আমার ঠোঁটে গভীর একটা চুমা দিয়ে লেপটে রইলেন আমাকে জড়িয়ে ধরে শক্ত করে।

এবার উনি নিজের নাইটি খুলে ফেলে ব্রার উপরেই দুধগুলো নাড়তে নাড়তে আমাকে বললেন বাকি কাপড়গুলো তোমাকেই খুলতে হবে। এসো আমার দুধ টিপো। আমিও উনার দুধ টিপতে টিপতে হাত পিছনে নিয়ে ব্রা খুলে দিলাম। উম্মুক্ত দুধ দেখেই আমি পাগলের মতো টিপতে লাগলাম জোরে জোরে। উনি বললেন আসো এবার আমার দুধ পান করো, অনেক দুধ জমে আছে সব দুধ খেয়ে নাও। উনার একটা দুধের বোঁটা মুখে নিয়ে চুষতে লাগলাম, উনি শব্দ করে উঠলেন ইসসসসসস আআআআহ আহআহ। একটা চুসছি আরেকটা টিপছিলাম তো উনি কেমন যেন বন্য হয়ে উঠলেন উত্তেজনায়। কোন হুঁশ ছিলোনা তার মুখ দিয়ে যা আসছিলো তাই বলে যাচ্ছিলেন। চুষ আমার দুধ চুষ অসভ্য, জোরে জোরে চুষ। উনার এই উত্তেজনা দেখে আমার জোশ আরও বেড়ে গেলো। উনি বলতে লাগলেন তুইতো খুব ভালো চুষতে পারিসরে তার চাইতে ভালো চাঁটতে জানিস।আয় এবার আমার প্যানটি খোল, আমি খুলে দিতেই উনার ফকফকা সোনাটা আমার চোখের সামনে, আমি দেখতেই থাকলাম। খুব সুন্দর একটা সোনা, তরমুজের কোয়ার মতো দুই পাশে, মাঝখানে একটি দানা, তার নিচে গভীর সুড়ঙ্গের শুরু। খুব যত্ন করে বাল কামানো। একটু ফাক করলেই দেখা যায় গোলাপি পথ, যে পথে হাঁটার জন্য আমার ধোন গর্জন করছে অনবরত। ফুলেফুলে উঠছে ক্রমাগত।

উনি বললেন, আয় হারামজাদা এবার এটাতে মুখ দিয়ে চাঁট, চুষে চুষে সব রস খেয়ে নে। অনেকদিনের জমানো রস। আমি চুষতে লাগলাম জিব্বা দিয়ে চুক চুক করে আওয়াজ হচ্ছিলো, চুসার চোটে কেঁপে কেঁপে উঠছিল বার বার। উনি নিজেই সোনা দুইহাত দিয়ে ফাঁক করে বললেন ভিতরে একটু চুষো প্লীজ। যদিও আমি এমনিতেই চুষতাম। তবু উনি বলাতে সেই গোলাপি পথে জিব্বার আগা ছোঁয়ালাম। উফফফফফ শব্দ করতে লাগলেন, আমি আরও ভিতরে ঢুকালাম। চুষতে লাগলাম জোরে জোরে, একটা নোনতা স্বাদ পাচ্ছিলাম যা আমাকে আরও বেশী পাগল আর উত্তেজিত করছিল। উনি দুই হাত সরিয়ে বেডকভার খামছে ধরলেন আর মুখ দিয়ে শব্দ করতে করতে কেঁপে উঠছিলেন বারবার। অস্ফুট কন্তে বলতে লাগলেন চুষ, বদমাইশ চুষ এটা দুনিয়ার সবচাইতে দামি জায়গা, সবচাইতে দামি জিনিস। আর আমার চুল টানতে লাগলেন। শীৎকার করে উঠলেন মেরে ফেললোরে আমারে হারামজাদা। আরও জোরে আরও জোরে চুষ বলতে বলতে কোমর নাড়তে লাগলেন আর আমার মুখে ঘসতে লাগলেন। কিছুক্ষণ পর রস ছেড়ে দিলেন উনি, আমি মুখ সরাতে চাইলে আরও শক্ত করে চেপে ধরে থাকলেন। কয়েক মিনিট পর তার হাত একটু ঢিলে হোল।

এবার উনি আমার ধোন হাতে নিয়ে উপরনিচ করতে লাগলেন আর বললেন তুই আমার আসল সেক্স রাজা আর জিব দিয়ে চুষা শুরু করলেন। ঠোট আগে পিছে করে চুষে দিচ্ছিলেন যেহেতু উনি অভিজ্ঞ, বিবাহিতা। শুনেছি বিবাহিতা মহিলাদের চুদার এই এক মজা, কারন ওরা সব জানে। কিভাবে চুদাতে হয়, কিভাবে কি করতে হয়। যাইহোক এমন চুষা দিলেন আমার মাল বেরিয়ে যাওয়ার উপক্রম। বললাম আমার বেরিয়ে যাবে, উনি বললেন হোক, আমি তোর সব মাল খাবো। বলেই আরও কঠিন এক চুষা দিলেন আমি সামাল দিতে না পেরে বের করে দিলাম। উনি সব মাল গিলে ফেললেন, চেটে খেলেন সব একটুও কোথাও দেখা গেলোনা।

উনি আবার আমার হাত উনার দুধের উপর দিলেন, আমি আস্তে আস্তে টিপতে লাগলাম। উনার দুধ মোটেও নরম হয়নি, একটু শক্ত ছিল যা ধরতে খুব ভালো লাগছিলো। আবার টিপা শুরু করলাম আর উনি আমার ধোন ধরে নাড়তে লাগলেন। দুজনে এমন করতে করতে আমারটা আবার ফুলে শক্ত হয়ে গেলো উনার হাতেই।

আবার সেই একই কায়দায় আমরা চুষতে লাগলাম একে অন্যের যৌনাঙ্গ। উনি আর না পেরে বললেন জালিম আর কতো অপেক্ষা করাবি আমায়। আয় এইবার তোর ধোনটা ভরে দে আমার সোনার ভিতরে। বলেই উনি চিত হয়ে শুইয়ে পাদুটো দুইদিকে ছড়িয়ে উপরে নিয়ে সোনাটা হা করে দিলেন। বলতে লাগলেন ডে হারামজাদা ঢুকা অনেকদিন হতে ছটফট করছি চুদা খাওয়ার জন্য। চুদে ফাটিয়ে আমার সোনা আর সহ্য করতে পারছিনা। যেই আমি সোনার মুখে লাগিয়ে থেলা দিলাম একটু ভিতরে ঢুকল অমনি তার শ্বাস যেন আটকে গেলো। শব্দ বের হোল ওহহইসসসসসস। অনেকদিন পর হওয়াতে ব্যাথা পাচ্ছিল বুঝা যায়। বলল শালা বের কর মার সোনা জ্বলছে, অনেক ব্যাথা পাচ্ছি। এমন খিস্তি করছিল তবু বাঁধা দিচ্ছিল না কিন্তু একটুও। আমিও দ্বিগুণ উৎসাহে অনেক জোরে দিলাম এক ঠেলা। হরহর করে ঢুঁকে গেলো পুরোটা। একটু থেমে তার ঠোঁটে চুমা চুমা দিতে লাগলাম দুধ টিপতে লাগলাম নরমাল করার জন্য। চোখের দিকে নজর পড়তেই দেখি কোল বেয়ে পানি গড়িয়ে পরছে। সোনার ভিতরে যেন আগুনের উত্তাপ পাচ্ছিলাম। এবার আস্তে আস্তে শুরু করলাম ঠাপ দেওয়া। যতই দিচ্ছি সে ততই আরাম পাচ্ছিল। আমাকে জোরে চেপে ধরছিল আর বলছিল মারো মারো আরও জোরে মারো আহ আহ আহ কি সুখ কতদিন পর সোনার জ্বালা মিটাচ্ছি আমি। চুদে চুদে আমাকে ফাটিয়ে দাও, রাজা আমার সোনাটা সাগর বানিয়ে দাও, তোমার বাঁশটা দিয়ে আরও জোরে গুতাও রাজা। আরও কতো কি খিস্তি। এভাবে চুদতে চুদতে বলল কুত্তার মতো চুদতে। বলেই সেভাবে পজিশান নিলো আর আমি ঢুকিয়ে ঠেলতে লাগলাম। অনেকক্ষণ চুদার পর আমার হয়ে আসছিলো বলতেই বললেন ভিতরে ফেলতে। আমি অমত করলে বললেন কোন সমস্যা হবেনা কাল ইমারজেঞ্চি পিল খেয়ে নিবেন। আরও একটু ঠেলার পর আমার বের হয়ে গেলো, উনার গায়ের উপর ভার দিয়ে শুইয়ে রইলাম।

কিছুক্ষণ পর বললেন চুমা দিয়ে আমার রাজা আমি আজ অনেক তৃপ্ত, অনেক খুশী। তোমার ধোন আমার অনেক ভালো লেগেছে। আমি যে কয়দিন এখানে আছি প্রতিদিন তুমি এসে আমাকে চুদে যাবে। সেদিন রাতে আরও তিনবার সেক্স করেছিলাম। সারারাত দুজনেই পুরো ন্যাংটা ছিলাম। সকাল এগারোটায় ঘুম ভাঙ্গে উনার ডাকে, চা করে এনেছেন। চা খেয়ে আবারো দুইবার চুদলাম, একবার বাথরুমেও গোসল করতে করতে। সে কাহিনী সহ যতদিন তিনি ছিলেন, অসংখ্যবার চুদার সেইসব বর্ণনা করবো আমার পরবর্তী পর্বে। উনি ছিলেন আমার শ্রেষ্ঠ চুদনসঙ্গী। ভুলবোনা কখনো উনাকে
টাকার খেলা

টাকার খেলা

বাইরে মুষলধারায় বৃষ্টি. আসে পাসে জনমানুষ
তো দুরের কথা চিল শকুন ও নেই. মেঘনার
মেজাজটা গেল
খিচড়ে.মেঘনা একটা নামি মার্কেটিং
কোম্পানির হ্যুমান রিসৌর্স বিভাগের হেড.গত
কয়েক সপ্তাহ ধরে ওদের কোমপানির কিছু
সিনিয়র মার্কেটিং পোস্টের জন্য ইন্টারভিউ
চলছে.আজ মেঘনা সেই লিস্ট থেকে ৫
জনকে বেছে নেবে যারা পাবে মোটারকম
বেতন.এমনিতে মেঘনা নিজে যথেষ্ট
উচ্চশিক্ষিতা এবং আধুনিকা হলেও
অনেকে বলে ওর এই প্রমোসন এর জন্য দায়ী ওর
যৌবন ভরা দেহটা.৫ ফুট ৬
ইঞ্চি মেঘনা বিদেশীদের মতো ফর্সা.চুল
কালো হলেও ওতে সোনালীর ছোঁয়া ও
রয়েছে.রেগুলার ও পোরে আসে টাইট শার্ট ও
হাঁটু পর্যন্ত স্কার্ট.৩৬ সাইজের বিশাল মাই
ওর জামা ছিড়েঁ বেরিয়ে আসতে চায়.অফিসের
চাবালা থেকে শুরু কোরে কোম্পানির বস
অবধি সবাই ওকে চোদার স্বপ্ন দেখে ও
না পেয়ে বাড়া খিচে মাল ফেলে.আর ওর পায়ের
কথা তো না বলে পারা যায় না.কলা গাছের
মতো মোটা ও মসৃন ফর্সা ফর্সা দুটো পা ও
পিছনে উল্টানো তানপুরার মতো একটা টাইট ও
ভাগলপুরী গাঁড়.যে কেউ চাইবে গাঁড়এর
খাঁজে বাঁড়া ঢোকাতে.
সকাল ৯ টার
মধ্যে মেঘনা অফিসে হাজির.মনে মনে ভাবছে
আজ কি ডেট ক্যানসেল করে দেবে ইন্টারভিউ
এর.যা বৃষ্টি আজ !!! তো ১০ টার সময় পিওন
এসে খবর দিল
যে একটা মেয়ে এসেছে ইন্টারভিউ
দিতে.মেঘনা ওকে কনফারেন্স
রুমে বসাতে বলে নিজে যায় ওয়াশরুমে ফ্রেশ
হতে.কনফারেন্স
রুমে ফিরে এসে মেঘনা দেখে একটা ২০-২১
বছর বয়সী মেয়ে সাদা শার্ট ও কালো প্যান্ট
পরে বসে আছে.ওকে দেখেই উঠে দাড়িয়ে ঔইশ
করলো.পুরো পোষাক
বৃষ্টিতে ভিজে এটেসেঁটে গেছে.মাই পেট গাঁড়
সব ই স্পষ্ট বোঝা যাচেছ.হঠাৎ করে মেঘনা ওর
দুই মোটা মাংসল পায়ের মাঝে ক্লিন সেভ
করা গুদ টাতে যেনো পিপড়ের
কাটা চুলকুনি বোধ করতে লাগলো.ই হঠাৎ
কি হলো? মেঘনা তো লেসবিয়ান নয়.ও
তো কখনো মাই গুদ দেখে উত্তেজিত হয়নি তো আজ
কি হলো????
মেঘনা মেয়েটার নাম জিজ্ঞেস করায় উত্তর
এলো চিত্রা. চিত্রা কোনো প্রশ্ন করার আগেই
বলে ফেলে যে সে খুব গরীব বাড়ির মেয়ে ও
মা বাবা অনেক কষ্ট করে ওকে এতদুর
অবধি লেখাপড়া করিয়েছে.এই চাকরিটা ওর খুব
দরকার.এই চাকরির জন্য সে সবকিছু
করতে পারে.মেঘনা প্রশ্ন করে,”
সবকিছু?” .”হ্যাঁ সবকিছু”,উত্তর দেয়
চিত্রা.দেখা যাক
মনে মনে ভাবে মেঘনা.মেঘনা সামনের বড়
টেবিলটার উপর এসে বসে পা ঝুলিয়ে.দুপা ফাঁক
করে ডাকে চিত্রা কে.লালচে গুদ তা রসে জব
জব করছে.পিঙ্ক
প্যান্টিটা পাসে সরিয়ে বলে চিত্রা কে,”তুমি
জানো এই পরিস্থিতির
মোকাবিলা কিভাবে করতে হয়?”.”জানি”,বলে
চিত্রা.নিজের কমল ও লম্বা দুই আঙ্গুল
ঢুকিয়ে দেয় ওই মেঘনা মাগির গুদের
অন্তরমহলে.”প্লিজ,মেক ইট
হার্ডার”,কাতরে ওঠে মেঘনা.চিত্রা বুঝে যায়
চাকরিটা ওর পাকা.লাল
টুকটুকে জিভটা মেঘনার মডার্ন গুদের
ক্লিটোরিসে এসে ধাক্কা মারে ও
সাথে চলে তুই আঙ্গুলের গুদের ভিতর
যাওয়া আসা.”আআআআআআ,ফাক মে,ফাক মে,ফাক
মে,ফাক মে হার্ডার”
মেঘনা বলে ওঠে.চিত্রা,”মাদাম,এই
তো শুরু,খেলা তো অনেক বাকি.”মেঘনা.”আমার
মাই দুটো একটু টিপে দাও না,দেখো তোমার খুব
ভালো লাগবে”. চিত্রা মেঘনার ৩৬ নম্বর
মাইগুলোকে প্রথমে জামার উপর দিয়েই
টিপে ধরে.”কি নরম ম্যাম,আমি একটু
দেখবো?”,বলে চিত্রা.মেগনা,”টেপো,চোস,
কামড়াও যা খুশি করো”.চিত্রা মাই
দুটোকে বাইরে বার
করে নিয়ে আসে.দুটো ধবধবে ডবকা ডবকা মাই,
মাঝে খয়েরী বোটা.দেখেই চিত্রার পান্টির
মাঝে কামানো অষ্টাদশী গুদটা বমি করে ফেলে
.হঠাথ মেঘনা বলে,”চিত্রা,চলো এই পাশের
বাথরুমে.”
চিত্রা বুঝতে পারে না কি ঘটতে চলেছে.
মেঘনা মেয়েটার নাম জিজ্ঞেস করায় উত্তর
এলো চিত্রা. চিত্রা কোনো প্রশ্ন করার আগেই
বলে ফেলে যে সে খুব গরীব বাড়ির মেয়ে ও
মা বাবা অনেক কষ্ট করে ওকে এতদুর
অবধি লেখাপড়া করিয়েছে.এই চাকরিটা ওর খুব
দরকার.এই চাকরির জন্য সে সবকিছু
করতে পারে.মেঘনা প্রশ্ন করে,”
সবকিছু?” .”হ্যাঁ সবকিছু”,উত্তর দেয়
চিত্রা.দেখা যাক
মনে মনে ভাবে মেঘনা.মেঘনা সামনের বড়
টেবিলটার উপর এসে বসে পা ঝুলিয়ে.দুপা ফাঁক
করে ডাকে চিত্রা কে.লালচে গুদ তা রসে জব
জব করছে.পিঙ্ক
প্যান্টিটা পাসে সরিয়ে বলে চিত্রা কে,”তুমি
জানো এই পরিস্থিতির
মোকাবিলা কিভাবে করতে হয়?”.”জানি”,বলে
চিত্রা.নিজের কমল ও লম্বা দুই আঙ্গুল
ঢুকিয়ে দেয় ওই মেঘনা মাগির গুদের
অন্তরমহলে.”প্লিজ,মেক ইট
হার্ডার”,কাতরে ওঠে মেঘনা.চিত্রা বুঝে যায়
চাকরিটা ওর পাকা.লাল
টুকটুকে জিভটা মেঘনার মডার্ন গুদের
ক্লিটোরিসে এসে ধাক্কা মারে ও
সাথে চলে তুই আঙ্গুলের গুদের ভিতর
যাওয়া আসা.”আআআআআআ,ফাক মে,ফাক মে,ফাক
মে,ফাক মে হার্ডার”
মেঘনা বলে ওঠে.চিত্রা,”মাদাম,এই
তো শুরু,খেলা তো অনেক বাকি.”মেঘনা.”আমার
মাই দুটো একটু টিপে দাও না,দেখো তোমার খুব
ভালো লাগবে”. চিত্রা মেঘনার ৩৬ নম্বর
মাইগুলোকে প্রথমে জামার উপর দিয়েই
টিপে ধরে.”কি নরম ম্যাম,আমি একটু
দেখবো?”,বলে চিত্রা.মেগনা,”টেপো,চোস,
কামড়াও যা খুশি করো”.চিত্রা মাই
দুটোকে বাইরে বার
করে নিয়ে আসে.দুটো ধবধবে ডবকা ডবকা মাই,
মাঝে খয়েরী বোটা.দেখেই চিত্রার পান্টির
মাঝে কামানো অষ্টাদশী গুদটা বমি করে ফেলে
.হঠাথ মেঘনা বলে,”চিত্রা,চলো এই পাশের
বাথরুমে.”
চিত্রা বুঝতে পারে না কি ঘটতে চলেছে.
“Now Chitra,take off all of your clothes
except the socks and the tie.I wana see
your
body”মেঘনা বলে ওঠে চিত্রাকে.চিত্রা ভীত
সন্ত্রস্ত হয়ে খুলতে থাকে তার
লজ্জা নিবারণের একের পর এক
গয়না.প্রথমে খুলে ফেলে তার জামা.মুক্ত
হয়ে যায় কিশোরী মাই.এর
কিছুটা অংশ.খুলে ফেলে তার
প্যান্ট.নিচে কালো প্যান্টি.খুলে ফেলে জুতো.
অবশেষে লজ্জা ভুলে খুলে ফেলে কালো ব্রা ও
কালো প্যান্টি.অস্টাদশী মাই ও কমানো গুদ
মেঘনাকে যেনো সেলাম জানায়.মেঘনার
চোখের সামনে দাড়িয়ে আছে গরিব মা বাবার
কষ্টে উপার্জিত অন্নে লালিত এক
অষ্টাদশী,যার মাই ও গুদ
বলে দিচ্ছে কোনো ছেলের হয়তো হাত
পড়েনি এখনো তবে অনেকেরই স্বপ্নে মাল বার
করে দিয়েছে.বিখ্যাত কোনো শিল্পীর তৈরী এক
মূর্তি মেঘনার মনে পড়ে যায়,যে শুধু টাই ও
মোজা পরে নিজের
শরীরী প্রদর্শনে মেতে উঠেছিলো.হ্যান্ড
শাওয়ার টা তুলে অন করে নেয়
মেঘনা.ঠান্ডা জলরাশি ছড়িয়ে পড়ে চিত্রার
মাই এর বোটার
উপর.কি দৃশ্য.সাদা দুটো মাই,বেশি বড়
নয়,হাতের মুঠোয় চলে আসবে,আর
তুতো খয়েরি বোটা.উপরে জল
পড়ে লাগছে ভোরের শিরির দানার
মতো.মাঝে মাঝে কেঁপে কেঁপে উঠছে শীতল
জলবারির ছোয়ায়.মসৃন তলপেট.নির্লোম.গভীর
নাভি.নাভির ওই গভীরতায় যখন
একফোটা জলবিন্দু গড়িয়ে ঢুকে যায় মেঘনা তখন
বাকশূন্য হয়ে পড়ে.চোখ
নিচে নেমে আসে.ভারী দুটো পা,দৃঢ়.গুদের উপর
দুই পায়ের সন্ধিস্থলে এক টুকরো কালো যৌন
কেশ.কুমারী গুদ্টাকে কেউ যেন নজর
না লাগিয়ে দেয় টাই হয়তো কালো টিকার
মতো ওই একরত্তি যৌনকেশ. মেঘনার হাত
পৌছে যায় নিজের মাই তে.ছিড়েঁ ফেলে নিজের
পোষাক.আজ সে নিজেই ওবেরয়.আর
চিত্রা সেইদিনের মেঘনা.
বাথটাবের একপাশে কম্পমান চিত্রা ও
অন্যপাশে হঠাৎ বদলে যাওয়া মেঘনা.দুজনের
মাঝে কেবল পার্সিয়ান গ্রানাইটের আধুনিক
বাথটাব.একদিকে যেমন চিত্রা টাই ও
মোজা পরে শিল্পীর
শিল্প,অন্যদিকে মেঘনা উষ্ণতার অন্তিম
সীমানা.দুজনের মিলনে তো উষ্ণতার দাবদাহ
থাকবেই.কিন্তু মেঘনার মাথায় আজ যে অন্য এক
অশ্লীলতা ভর
করেছে.চিত্রা কে চমকে দিয়ে মেঘনা পাশের
কেবিন থেকে তুলে আনে strap on panty.যার
সামনের দিকে লাগানো রাবারের
বাড়া.চকিতে মেঘনা পড়ে ফেলে ওই পান্টি ও
টার গুদের সামনে থেকে ঝুলতে থাকে রাবারের
ওই ৭”
বাড়াটা.চিত্রা চমকে ওঠে.কি কুক্ষণে যে এই
চাকরিটার লোভে এসে পড়েছে এখানে !
“চিত্রা,এস এখানে.চোস এই
বাড়া টা.আমি যতক্ষণ না বলবো ততক্ষণ
চুসে যাবে নাহলে দুঃখ আছে”,আদেশ দেয়
মেঘনা.অন্য কোনো উপায়
না থাকে চিত্রা বেরিয়ে আসে বাথটাব
থেকে.হাঁটু গেড়ে বসে মেঘনার সেক্সি ল্যাংট
দেহটার সামনে.চিত্রার লাল কমল ঠোঁট দুটো ও
কালো বাড়া টার মাঝে রত্তিমাত্র
দুরত্ব.অবশেষে মুখে নিয়ে নেয়
বাড়াটা.চুসতে থাকে ললিপপ চসার
মতো.মেঘনা হঠাথ খামচে ধরে চিত্রার
কালো লম্বা চুলের গোছা.”bitch,suck it
harder,more,yaaaa,more,yes…like
this….make me
cum”বলতে বলতে মেঘনা চিত্রার
মুখে সজোরে ঠাপাতে থাকে.চিত্রার
পক্ষে নিশ্বাস নেয়া মুশকিল হয়ে পড়ে.তবুও
থামেনা মেঘনা.আজ যে ও সারা পৃথিবীর
পুরুষের উপর প্রতিশোধ নিতে চায়!!! বেশ
কিছুক্ষণ পর মেঘনা বার করে নেয়
বাড়া টা চিত্রার মুখ
থেকে.চিত্রা হাপাতে থাকে.সারা দেহ
ঘামে ভিজে একসা.”now sit on the floor
like a dog.I want to see your bloody
ass”,হুকুম
জারি করে মেঘনা.নিমেষে চিত্রা হয়ে যায়
তাই.দুই হাত ও দুই
পা মুড়ে মেঝেতে বসে পড়ে.”ohho,you have a
nice fatty ass,your hubby will be very
happy to get an ass like that.I want to
feel it.spread your legs and shake your
ass”.চিত্রা বুঝে পায়না মেঘনা ওর
সাথে কি করতে চায়.অগত্যা সে নাচাতে থাকে
টার ভারী উল্টানো তানপুরার মতো গাঁড় খানা.
মেঘনা টার মুখ নিয়ে আসে চিত্রার গাঁড়ের
খাজে.জিভ
দিয়ে চাটতে থাকে পুটকিটা.চিত্রার
তো নিজের ঘেন্যা ধরে যায়.কিন্তু
একি হছে মনের
ভিতর,চিত্রা ভাবতে থাকে.একটা অন্যরকম
শারীরিক ভালোলাগার প্রথম ছোয়ায় চিত্রার
উপসি গুদ দিয়ে জল
ঝরে যায়.চিত্রা মনে মনে চায় আজ ওই
রাবাবের বাড়া টা দিয়েই টার
পর্দা ফাটিয়ে দিক এই
শালী মোটা মাগীটা.কিন্তু মেঘনার
মনে তো এত
সহজে চিত্রা কে খুসি দেয়া লেখা ছিলো না.
চিত্রার ভালোলাগার
ক্ষণস্থায়ী মুহূর্তটাকে ছিন্ন বিছিন্ন
করে দিয়ে সজোরে চিত্রার ওই ছোট্ট গাঁড়ের
ফুটোটার মাঝে আমূলে ঢুকিয়ে দেয় রাবারের
বাড়া টা.”আআআআআ,প্রচন্ড
ব্যথা করছে ম্যাম,বার করে নিন,দয়া করুন
আমায়,এরকম করবেন না”,যন্ত্রনায়
ককিয়ে ওঠে চিত্রা.কিন্তু আজ যে মেঘনার
মাথায় ভর করেছে শয়তান.ঠাপের পর ঠাপ
দিয়ে চলে মেঘনা চিত্রার গাঁড়ে.হঠাথ
মেঘনার মনে হয়
কি যেনো একটা চটচটে লাগছে হাতে.চোখ
খুলে দেখে রক্ত.চিত্রার নরম গাঁড়ের
ফুটো থেকে বেরিয়ে আসছে রক্তের ধারা.মনের
ভিতর দিয়ে একটা ভয়ের চোরাস্রোত
বয়ে আসে মেঘনার.মেয়েটা তো আর কথাও
বলছে না.কি হলো.মরে গেল
নাকি.আমি একি করলাম.সব রাগ ঢেলে দিলাম
একটা বাচ্চা মেয়ের উপর.চোখে মুখে জলের
ঝাপট মারে চিত্রার.কিন্তু চিত্রা চোখ
খলে না.ঘাড়ের কাছে,হাতের কাছে কোথাও
নার্ভ পায় না.মেঘনা পাগল হয়ে যায়.সে আজ খুন
করে ফেললো.
১০ মিনিট পর মেঘনার জুনিয়র নিশা অনেক্ষণ
কোনো সাড়াশব্দ না পেয়ে চলে আসে মেঘনার
কেবিনে.হঠাৎ টার নাকে আসে একটা অদ্ভুত
গন্ধ.বাথরুমের থেকেই আসছে.বাথরুমের
দরজা ঠেলে ঢোকে ভিতরে.কিন্তু একি!!!!!
আমার খালা মনিরা

আমার খালা মনিরা

আমার আম্মারা চার বোন দুই ভাই। একভাই মানে আমার মামা দেশের বাইরে থাকে, আরেক ভাই ছোট বেলায়মারাযান। আমার আম্মা সবার বড়। তারপরের জন যাকে নিয়ে কাহিনী উনি আমার আম্মার চার বছরের ছোট।খালুরসাথে তার ছাড়াছাড়ি হয়ে গেছে। উনার এক ছে
লে এক মেয়ে। উনার বয়স হবে ৩৭/৩৮। ফিগার খুব বেশীসুন্দরনা। স্লিম আর বুবসগুলো খুব বেশী বড় যে তা না তবে আকর্ষণীয়। তবে জিনিস আছে একখান, ওইটা উনারপাছা।যখন হাটে তখন ইচ্ছা করে পিছন থেকেই উনাকে ঠাপ মারি। যাই হোক, এইবার আসল কথায় আসি।
আমার আম্মা ট্যুরে গেলেই উনি এসে থাকেন আমাদের বাসায়। এমনিও মাঝে মাঝে এসে থাকেন। মনেকখনোখালামণিকে চুদার কথা মনে আসেনি। তো আমার আব্বা আম্মা থাইল্যান্ড গেলেন চেকআপ করাতে। যথারীতিউনিওআমাদের বাসায় আসলেন। একদিন আমি বাইরে থেকে আসলাম অনেক রাতে। গেট খোলাই ছিল। নিজের রুমেগিয়ামহাবিরক্ত হয়ে গেলাম। শালার লুঙ্গি নাই, মনে পড়লো বেলকনিতে হয়তো থাকতে পারে, হয়তো শুকানোরজন্যসেখানে দিয়েছে। বেলকনিতে যেতে হলে আমার খালামণি যে রুমে শোয় সেই রুম দিয়ে যেতে হবে। আমিও আস্তেআস্তেপা টিপে টিপে ঢুকলাম। লাইট অন করলাম। দেখলাম ওনি ঘুমিয়ে আছেন আর ওনার শাড়ীর আচল খলে পড়েআছে।দুধগুলা স্পষ্ট বুঝা যাচ্ছে। আমার ল্যাওড়া বাবা তো সাথে সাথেই একপায়ে দাঁড়িয়ে গেল। ভালো ভাবে দেখলামসেইদিন আমার খালামণিকে। আর তখনি চিন্তা করলাম কিছু একটা করতেই হবে। আর সেইটা আজকেই। যা হবারহবে, এটেম্পট নেবো।
আমি আস্তে করে লাইট অফ করে দিলাম। তারপর দরজাটা আস্তে করে বন্ধ করে লক করে দিলাম। উনি পুরোঘুমেকাদা। আমি উনার পাশে বসলাম। হঠাৎ করেই ওনার ঠোটে আমার ঠোট লাগিয়ে দিলাম আর এক হাতে উনারদুধটিপতে শুরু করলাম। উনি চোখ খুলে আমাকে দেখে অবাক। কিন্তু কিছু বলার ক্ষমতা নাই। কারণ মুখ তো আমিবন্ধকরেই রেখেছি। জোরাজুরি করছেন ছাড়া পাওয়ার জন্য। তখন আমি উনাকে বললাম আজকে যতো কিছু হবেহোকআপনাকে চুদবোই চুদবো। যদি আপনি ভালভাবে চুদতে দেন তবে আপনিও আরাম পাইবেন আমিও আরামপামু।আর যদি জোর করে করতে হয় তাহলে আমার সমস্যা নাই। আপনার কি হবে ওইটা আমার না দেখলেও হবে।এখনকরতে দিলে দেন না দিলে বুঝবেন।
স্বভাবতই উনি আমাকে কনভিন্সড করার চেষ্টা করলেন এইটা সেইটা বলে। আমি তো নাছোড় বান্দা। কিছুতেইকিছুমানি না। চুদবো তো চুদবোই। উনি তখন আমাকে থ্রেট মারলেন এই বলে যে, আমি যদি কিছু করি উনারসাথেতাহলে উনি সুইসাইড করবেন। আমি তখন উনাকে বললাম, চোদা খাওয়ার পর যা খুশী করেন প্রবলেমনাই।শেষমেষ উনি বুঝতে পারলেন যে আমাকে ঠেকাইতে পারবেন না। তখন নিজেই বললেন, যা, যা খুশী কর।আমিওহায়েনার মতো উনার উপর ঝাপিয়ে পড়লাম। ঠোটের সাথে ঠোট লাগিয়ে উনাকে কিস করতে লাগলাম। ব্লাউজআরব্রা খুলে ফেললাম। দুধ দুইটা যদিও একটু ঝুলে গেছে তারপরও সেই অবস্থায় আমার কাছে ওটাকেই সবচাইতে সেক্সিদুধমনে হলো। দুধ একটা ধরে টিপতে লাগলাম, নিপলস টিপতে লাগলাম। তখন দেখলাম উনি উহ আহ সাউন্ডদিচ্ছেন।বুঝলাম লাইনে আসতেছেন এতক্ষণে। আমি আবার লিপসে আমার লিপস লাগিয়ে দিলাম। এইবার দেখলামউনারওরেসপন্স আছে। খুবই মজা পেলাম। আস্তে সায়ার ফিতা ধরে টান দিতেই সায়া খুলে গেল। সাদা রঙের একটাপেন্টিপরা। বললাম ওইটা খুলে ফেলন। তখন উনি উঠে আমার প্যান্ট খুললেন। আন্ডারওয়্যার খুলে মোটা কলাগাছটাবেরকরলেন। আর খুবই সারপ্রাইজড হয়ে গেলেন। বললেন, কিরে তোরটা এত বড়! নিজ হাতে ওটা রগরাতেলাগলেন।আর আফসোস করতে লাগলেন, ইস আগে যদি জানতাম তোরটা এত্তো বড় কত আগেই তোর সাথে করতাম! আমিবললাম, ক্যনো করছো নাকি আর কারো সাথে। তখন আমার খালামণি উত্তর দিলো, হ্যাঁ করছি সেইটাও অনেকবছরআগে। প্রায় ৬/৭ বছর। আমিতো মহাখুশী। তারমানে ওনাকে আজকে মজা সুখ দেওয়া যাবে।
আমি আস্তে করে আমার ল্যাওড়া ওনার মুখে ধরলাম। উনি খুব সাবলীলভাবে মুখে নিয়ে চুষতে আরম্ভ করলেন।আহকি সুখ। খালামণিও বেস্ট সাকার। উফফফফফফফ আহহহহহহ যেভাবে সাক করতে লাগলেন উফফফফফআহহহহহ। দশ মিনিট উনি আমারটা সাক করার পর আমিন উনাকে কিস করতে শুরু করলাম। দুধ দুইটা চুষতেচুষতেছিবড়া বানানোর অবস্থায় নিয়ে আসলাম। তারপর ওনার গুদের ফাকে আস্তে আস্তে রগড়াতে লাগলাম। উনিকেপেকেপে উঠতে লাগলেন। আমি আমার মুখটা উনার গুদে রেখে লিখ করতে শুরু করলাম। উনি একবার জোরে কেপেউঠেআমার মাথাটা দুই হাতে শক্ত করে ধরে রাখলেন উনার গুদের মুখে। আমার তো দম বন্ধ হওয়ার অবস্থা। মাথাঝাড়িদিয়ে উনার গুদ চুষতে চুষতে উনার মাল একবার আউট করলাম।
আমার ল্যওড়ার অবস্থা পুড়া টাইট তখন। যেন রাগে ফুসতাছে। আমি আমার ল্যাওড়া উনার গুদে সেট করেদিলামঠাপ। এক ঠাপ ...... দুই ঠাপ ..... তিন ঠাপ ..... আহ কি শান্তি পুরা ঢুকে গেছে আমার ল্যাওড়া বাবা।খালামণিআহহহহ উহহহহহ উফফফফ শব্দ করতে লাগলেন। আমি আস্তে আস্তে উনাকে ঠাপাতে লাগলাম। খুব মজাপাচ্ছেনউনি বুঝতে পারতেছি। ঠাপের গতি আস্তে আস্তে বাড়াতে লাগলাম। উনি তখন পুরা হট। আমাকে বলতেলাগলেনপ্লিজ জোরে দে ............. আরো জোরে ..... আহ জোরে প্লিজ জোরে ....... তোর খালার গুদ ফাটায়া ফেলউফআরো জোরে ..... প্লিজ প্লিজ .....
আমি উনার শব্দে আরো একসাইটেড হয়ে রাম ঠাপ দেওয়া শুরু করলাম। প্রায় ৬ মিনিট ঠাপ মেরে উনাকেবললামপজিশন চেঞ্জ করেন। উনি আমাকে নিচে দিয়ে উপরে উঠে গেলেন। নিজেই আমার ল্যাওড়া গুদে সেট করেঘোড়ারমতো লাফানো শুরু করলেন আর শীৎকার দিতে লাগলেন উফফফফফ কতো বছর পর আজকে গুদে আরামপাচ্ছি, এতোদিন কোথায় ছিলি শুয়োরের বাচ্চা এখন থেকে ডেইলি চুদবি আমাকে এই বলে বলে আমাকে ঠাপাতেলাগলেন ৫মিনিট উনি আমাকে ঠাপালেন। বুঝতে পারলাম খালা আমার ডেঞ্জারাস চোদনবাজ। নিজে নিজেই ডগিস্টাইলে গেলেনআর বললেন ঢুকা এইবার। আমিও উনাকে ডগি স্টাইলে চুদতে শুরু করলাম। এইবার আর আস্তে নাকারণ আমারনিজেরও পরার সময় হইছে। জোরে জোরে ঠাপাতে লাগলাম। ৪-৫ মিনিট ঠাপানোর পরেই আমার মালআউট হয়াগেল। উনার গুদেই পুরা মাল আউট কইরা দিলাম। আহহহহহহ কি শান্তি। পুরা শরীর ভেঙ্গে আসতে ছিল।উনারগায়ের উপর শুয়ে পরলাম। আহহ কি শান্তি পেলাম আজকে।
শুয়ে শুয়ে খালামণিকে বললাম, কেমন লাগলো আজকে। উনি বললেন, ওরে খালাচোদা যে মজা পাইছি আজকে।ডেইলিএই মজা দিবি। তোকে দিয়ে সাথী আর তিথিকেও (আমার অন্য দুই খালা) চোদাব। আমি বললাম, সিথি খালা? উনিবললেন হ্যাঁ। ওদের জামাই তো বিদেশে। তাই তুই ওদের শান্তি দিবি। আমি তো খুশী। এই কি ভাগ্য। ঘরেরভিতরেইমহাসুখ!

২.
আমার মেজো খালামণিকে প্রথম চোদা দেওয়ার পর থেকে রেগুলার উনাকে চুদতাম। উনিও খুব এনজয়করতেন।একদিন আমি বললাম খালামণি সাথী খালা আর তিথি খালাকে কবে সাইজ করবো? খালামণি বললেন, ওয়েট কর, ব্যবস্থা করতছি। তিথি রাজী আছে, শুধু একটু চাণ্স খুজতাছে। ওই সময় আমার দুই খালার হাজবেন্ডইদেশে ছুটিকাটাইতে আসছে।
যাই হোক একজনকেই চুদতে থাকলাম। এর প্রায় দুই সপ্তাহ পর একদিন আমার মেজো খালামণি বললেন, তিথিকেচুদতেপারবি? আমি তো শুনে বেশ খুশী হয়ে উনাকে কিস করে বললাম, কি বলেন খালামণি! পারবো না মানে। চুদেফাটায়াদিতে পারবো। তখন খালামণি বললেন, ঠিক আছে আগামীকাল দেখা যাবে। তুই সকাল ১০টায় তিথিরবাসায় চলেযাবি। টাইম কিন্তু সাড়ে ১১টা পর্যন্ত। এরপর বাসায় লোকজন চলে আসতে পারে। আমি বললাম ঠিকআছে। ওইখুশীতে মেজো খালামণিকে আরেকবার চুদে দিলাম।
যথারীতি পরদিন আমি দশটার আগেই তিথি খালার বাসায় হাজির। কলিং বেল চাপ দিতেই মিস্টি শব্দ বেজেউঠলো।তিথি খালা দরজা খুললো। কিছু বললো না। আমিও নিরবে ভিতরে ঢুকে দরজা লাগিয়ে দিলাম। তিথি খালাবললো, কি খাবি বল। আর চা না কফি খাবি?
আমি আর সময় নষ্ট না করে উনাকে জড়িয়ে ধরে বললাম তুমি থাকতে চা নাস্তার দরকার আছে নাকি? উনিওআমারগালে একটা কিস দিয়ে বললো, সব জানি। আপু সব বলছে। তুই নাকি মহা সুখ দিছস? আমি বললাম, একটুপরেইবুঝবা। তিথি খালা আমাকে টেনে বেড রুমে নিয়ে গেল। আমি তিথি খালাকে জড়িয়ে ধরে শুয়ে পরলাম। আরজামারউপর থেকেই উনার দুধ টিপতে লাগলাম। তিথি খালা বললো কাপড় খুলে ফেল, আমারটাও খুলে দে। আমিবললামকেন, তোমারটা আমি খুলি আর আমারটা তুমি খুলে দাও। তিথি খালা আমার কাপড় না খুলে প্যান্টের ওপরথেকেইধোন হাতাতে লাগলো। আমি নিজে থেকে প্যান্টটা খুলে দিতেই খালা আন্ডারওয়্যারটা এক টানে খুলে দিল।আমর ধোনবাবা তখন মহা উত্তেজনায় শক্ত হয়ে পুরা আইফল টাওয়ার। তিথি খালা ধোন হাতে নিয়েই বলতেলাগলেন কিরে এইযন্ত্র কেমনে বানাইলি? আমি খালার দিকে তাকিয়ে মুচকি হাসি দিয়ে বললাম তোমাদের জন্যই তোএই জিনিস। তিথিখালা বললো, আমাদের জন্য মানে? আমি বললাম, তোমাদের জন্য মানে নারী জাতির জন্য এইজিনিস বানানো।চেহারা দরকার নাই। নারী হলেই বাড়ি খাবে।
খালা তখন আদর করে আমাকে জড়িয়ে ধরে চুমু খেতে লাগলো। আমিও খালার ব্লাউজ খুলে দিয়ে ব্রার উপর থেকেইদুধটিপতে লাগলাম। খালা ব্রাটা আস্তে করে খুলে দিল। আমিও খালাও ওপর ঝাপিয়ে পড়লাম। এক হাতে দুধটিপতেলাগলাম আর অন্য দুধটা চুষতে লাগলাম। খালার উহহহ আহহহ শব্দে আমার ধন বাবাজি মোটামুটি কাপতেশুরুকরলো। বুঝলাম এই মুহুর্তে যদি ধন বাবাজির কোন গতি না করি তবে ধোন বাবার মেজাজ হট হয়ে যাবে।আমিখালার মুখটা আস্তে করে আমার ধোনের ওপর দিলাম। খালা ধোনটা কয়েকবার ঝাকি দিয়ে চুষতে লাগলো।আমিআরামে চোখ বন্ধ করে খালার দুধ টিপতে লাগলাম। উফফফ কি যে আরাম! এতো সুখ! আমার সব খালা যেখুবভালো সাক করতে পারে তা বুঝলাম। ১৫ মিনট এক নাগারে সাক করার পর আমি আমার মাল খালার মুখেঢেলেদিলাম। তিথি খালাতো মহা গরম হয়ে গেল আমার ওপর। আর বলতে লাগলো এই কি তুই চোদনবাজ? এতোতাড়াতাড়ি মাল আউট কইরা ফালাইছোস? আমার ভিতর কি ঢালবি। আমি খালাকে বললাম তুমি যে ভাবেআমারধোন চুষলা মাল না ঢেলে কি বাল করবো নাকি। খালাকে আশস্ত করে বললাম, টেনশন নাই আরেকটু চোষোদেখ কিহয়। খালাও আরো ৫ মিনিট ধোন সাক করলো। ধোন বাবাজি খালার চোষা খেয়েই আবার দাড়িয়ে গেল পুরোতালগাছের মতন। এইবার আমি খালাকে নিচে দিয়ে কিস করতে লাগলাম। কিস করে করে নিচে নামতে লাগলাম।খালারগুদে হাত দিতেই দেখি ওনার গুদ পুরা ভিজা। আমি আমার মধ্যের আঙ্গুল উনার গুদে আস্তে করে ঢুকিয়েদিলাম। খালাকেপে উঠলো। আস্তে আস্তে আঙ্গুল দিয়েই ঠাপ দিতে লাগলাম। কিছুক্ষণ পর আঙ্গুল বের কতরে খালারগুদে একটা কিসদিলাম। খালা আহহহহহ উফফফ সাউন্ড করতে লাগলো। আমি আস্তে করে মুখটা খালার গুদে লাগিয়েদিলাম। খালাআর থাকতে পারলো না। আমার মাথাটা শক্ত করে তার গুদে চেপে ধরে রাখলো। আমিও খালার গুদচাটতেলাগলাম। কি যে মজা লাগতাছিলো। লবন লবন গন্ধে মাতাল হয়ে গেলাম। ১০ মিনিট পর খালার গুদ থেকেমাথাউঠালাম। এরমধ্যে খালা মাল আউট করে ফেলছে। বেচারি হাপিয়ে উঠছে। আমি খালাকে বললাম এতোতাড়াতাড়িহাপিয়ে উঠলে কেমনে হবে। এখনো তো অনেক বাকি।
খালা তখন বললো, বক বক না করে ঢুকাইয়া দে প্লিজ .... আমি আর সহ্য করতে পারতাছি না। প্লিজ ঢুকা ... প্লিজপ্লিজ .... আমি খালাকে চিত করে শোয়ালাম। পা ফাক করে খালার গুদে আমার ধোন বাবাজিকে সেট করলাম।প্রথমেআস্তে করে একটা ঠাপ দিলাম। তারপর একটু জোরে। তারপর জোরে একবারেই খালার গুদে আমার আখাম্বাধোনটাকেঢুকাইয়া দিলাম। খালার মুখে গালি বের হলো, ওরে আমার হারামজাদা, ওরে কুত্তাচোদা, ওরে খানকিচোদাএতো জোরেঠাপ মারছোস ক্যান। আমার গুদতো ছিড়ে গেলো। আমি বুঝলাম খালা আমার খুব বেশী মজা পাচ্ছে।আমিও আমারঠাপের গতি বাড়িয়ে দিলাম। পেচিয়ে পেচিয়ে ঠাপ মারতে লাগলাম। মিনিট ১০ ঠাপানোর পর খালারগুদ থেকে মালআউট হয়ে গেল। খালা তখন বললো এইবার আমাকে ডগি স্টাইলো চুদ। আমি খালাকে ডগি স্টাইলেরেখে আমারধোনটাকে সেট করলাম। তারপর আস্তে করে দিলাম ঢুকিয়ে। খালাতো মহা এনজয় করতাছে। আমি চোদাশুরুকরলাম। খালার মুখ থেকে আহহহ আহহহ আহহহহ ছাড়া আর কোন শব্দ নাই। এই স্টাইলে ১০ মিনিট চোদারপরআমি খালাকে উপরে দিয়ে নিজে নিচে আসলাম। এইবার চোদা খাবো আমি। খালা আমার ধোন নিজের গুদে সেটকরেআস্তে করে বসে পড়লো। পর পর করে গুদে ঢুকে গেল আমার ধন। পয়লা আস্তে আস্তে ঠাপ মারছিল খালা।তারপরহঠাৎ করে হর্সপাওয়ার বাড়াইয়া দিলো। এতো জোরে চুদতাছিল মনে হচ্ছিল এখুনি খাট খুলে পড়বে। ৫মিনিটএইভাবে চোদার পর আমি খালাকে বললাম প্লিজ নিচে আসো আমার আউট হবে। খালা তাড়াতাড়ি নিচেআসলো।আমি গুদে বাড়া ঢুকিয়ে দিয়ে খালাকে রাম চোদা শুরু করলাম। ৫ মিনিট এইভাবে চলার পর আমার শরীরকেপেউঠলো। মাল ছেড়ে দিলাম খালার গুদের ভেতর। পুরা শরীর আর ভার সইলো না। শুয়ে পড়লাম খালার উপর।খালাআমার মাথায় হাত বুলিয়ে দিতে লাগলো আর বলতো লাগলো, খুব তো চুদছিস নিজের খালারে। বিয়ে করলেবউকেচুদবি। তখন খালাকে তো ভুলে যাবি। আমি বললাম, খালা বউকে তো চুদবোই, তোমাদের সবাইকে না চুদলেআমারশান্তি হবে কেমনে। তোমাকে তো আমি আমার বাচ্চার মা বানাবো। মেজো খালাকে পারবো না, কারণ ওনিডিভোর্সড।তোমাকে আর সাথী খালাকে আমার বাচ্চার মা বানালে কেউ কিছু সন্দেহ করবে না। খালা তো মহা খুশী।বললো, ঠিক বলছস। তবে সাথীকে কে কেমনে চুদবি? ওকি রাজি হবে? আমি বললাম, তুমি রাজি করাও। চোদনখেয়ে কেমনমজা পাইলা বলবা। তাইলেই রাজী হবে। খালা আমাকে কিস করে বললো ঠিক আছে আমাকে চুদতেআসিস, যখরপারবো তখনই চোদাব তোকে দিয়ে। এইবার উঠে যা কেউ চলে আসবে। আমি উঠে টয়লেটে গেলাম।

৩.
তিথি খালামণিকে চোদার পর মোটামুটি দিন ভালই যাচ্ছিল। মেজো খালামণি আর তিথি খালামণি ... সমানতালেদুইজনকেই আনন্দ দিচ্ছিলাম। কিন্তু মনে সুখ নাই। কারণ কথায় আছে না বাঙ্গালীরে বসতে দিলে শুইতেচায়। মাথায়খালি খেলা করতো কেমনে সাথী খালামণিরে চোদা যায়। যাই হোক মেজো খালামণি আর তিথিখালামণিকে চুদতাম, তাদেরকে ঘ্যানর ঘ্যানর করতাম একটা সিস্টেম বের করে দিতে... তারাও ঠাপ খায় আর কথাদেয় খুব তাড়াতাড়িব্যবস্থা করবে।
একদন তিথি খালামণি বললো, সাথীরে তো আমাদের মতো সিস্টেমে আনতে সময় লাগবে। এক কাজ কর, আমারবাসায় আয় কাল, একটা ব্যবস্থা করি। তুই সকাল ১০টায় থাকিস আমার বাসায়। আমিও খুশী। রাজি হয়েগেলাম।যাই হোক যথারীতি ১০টার আগেই আমি তিথি খালামণির বাসায় হাজির। বাসা দেখলাম পুরা ফাঁক। কেউনাই।আমি কখন বসে টিভি দেখতে লাগলাম। ২০ মিনিট পর দরজা খোলার আওয়াজ আসলো। দেখলাম তিথিখালামণিআসতাসে। তার পিছনে সাথী খালামণি। আমার ধোন বাবা মোচড় দিয়ে উঠলো সাথী খালাকে দেখেই।
তিথি খালামণি আসলো আর মিষ্টি করে হেসে বললো কখন এসেছিস বলেই চোখ টিপ দিলেন বঝলাম সিস্টেমকরতেহবে। আমি বললাম এইতো একটু আগে। সাথী খালামণি আমাকে দেখে পুরা অবাক। বললো তুই কেমনেঢুকলি।দরজাতো লক করা ছিল। আমি বললাম ক্যনো জানো না ক্যমনে ঢুকি। তারপর তিথি খালামণিকে বললামএকটু কাছেআসো তো দেখি একটু মজা দিয়ে দাও। তিথি খালামণি দেরী না করে আমার প্যান্টের চেইন খুলে দিয়েধোনটা বেরকরেই মুখে নিয়ে নিলো। দেখি সাথী খালা চোখ বড় বড় করে তাকাচ্ছে। একবার আমার দিকে একবারবোনের দিকে।লজ্জায় তার গাল দুইটা পুরা লাল হয়ে গেল। তিথি খালা ২-৩ মিনিট ধোন চুষে সাথী খালাকে বললোএই তুই একটুচুষে দে দেখবি কতো মজা সাথী খালামণি গরম হয়ে বললো তোরা কিসব করতাছস। ছি ছি ছি। তখনতিথি খালাবললো ওই মাগী ঢং দেখাইস না বিয়ের পর নিজেই বলছোস তোর জামাইর টা ছোট মজা পাস না। এখনএইসববলতাছিস ক্যান। তোর জন্যই কতো বড় ধোন ঠিক করলাম দেখ। মজা নে এইবার। সাথী খালা বললোবলছিলাম ওইকথা তাই বলে নিজের বোনর ছেলের সাথে না না ছি ছি এই ক্যমনে হয় না না না ...
আমি বুঝলাম মাগী সহজে লাইনে আসবে না। সোজা উঠে গিয়ে সাথী খালামণিকে জড়িয়ে ধরে কিস করতেলাগলাম।উনি প্রথমে জোরাজুরি করতে লাগলেন আর বলতে লাগলেন, বেয়াদবের বাচ্চা সর, তোর মা বাপকে বলেদিবো, ছাড়আমাকে, ছাড়। উনার কথা শুনে আমি আরো বেশী শক্ত করে উনাকে জড়িয়ে ধরে কিস করতে লাগলাম।ওদিকেতিথি খালামণি এসে আমার প্যান্ট পুরা খুলে দিল। তারপর আমার ধোন মুখে নিয়ে চুষতে লাগলো। কিছুক্ষণপরে দেখিসাথী খালা আর জোরাজুরি করছে না। নিস্তেজ হয়ে আসলো, আমি বললাম তুমি ক্যনো এমন করছো, একটুপরেইআফসোস করবা ক্যানো এতোদিন কর না। সাথী খালা বললো, দেখ আমি তোর খালা, তুই কেমনে চিন্তাকরতাছোস ছিছি ছি ... । আমি বললাম, খালামণি শোনো, বাইরে তুমি আমার খালামণি ... কিন্তু এখন তুমি একটানারী আরআমি পুরুষ। তোমারও চাহিদা আছে আমারও আছে। সো কথা বেশী না বলে আরাম করে করতে দাও।দেখবাতোমারও মজা লাগবে, শান্তিও পাবা। আর তুমি যদি রাজী না হও তবুও আমার করার কিছু নাই, আমিপ্রয়োজনে রেপকরবো। কারণ আমার এখন একটা ফুটা দরকার যেখানে আমার রকেট ঢুকবে ....
সাথী খালা কান্না শুরু করলো। আমার দেখেই গেলো মেজাজ ৪২০ হয়ে। আর নিজেকে ধরে রখতে পারলামনা।বললাম, মাগী কি শুরু করছস, বাইরে তো অন্য মানুষকে দিয়ে চোদাস এখন বড় বড় কথা বলছ ক্যান? অনুমানেইবলে দিলাম, পুরা আন্দাজের ওপরে। কিন্তু সাথী খালা দেখলাম চোখ বড় বড় করে আমার দিকে তাকিয়েআছে।বলল, তুই কি বললি? তুই কেমনে জানস? আমিও অবাক .... আন্দাজে বলা কথাতেই লেগে গেল ... আমিওতখনভাব করলাম যেন আমি আসলেই জানি ... বললাম যেমনেই হোক জানি ... বাইরের মানুষ তোমাকে চুদতেপারলেআমি ঘরের মানুষ কি দোষ করছি ... এখন আরাম করে করতে দাও ... নাইলে কষ্ট পাইবা ...
সাথী খালামণি আর না করলো না ... বললো ইচ্ছা ঠিকই করতেছিলো কিন্তু বল তোর খালা হয়ে কেমনে তোকেবলবোচুদ আমাকে ... আমি বললাম ঢং কম কর ... তোমার বোনরা পারছে কেমনে? এখন কথা কম বল ...
আমি সাথী খালামণিকে জড়িয়ে ধরে শুয়ে পড়লাম। ওনার বুকে কাপড়ের উপর থেকেই টিপতে লাগলাম। ইয়াবড়ডবকা ডবকা দুধ, টিপতে মজাই লাগতেছিল। কিস করে উনাকে বসালাম বিছানায় ... কাপড় খুলে দিলাম... আমারখালা আমার সামনে তাও পুরা ন্যাংটা.. উফফফ নিজের ধোন বাবাকে ধরে রাখতে পারছিলাম না। ধোনএমনভাবেখাড়াইয়া আছে যে ব্যাথা পাচ্ছিলাম। ধোন বাবাকে খালার মুখে ঢুকিয়ে দিলাম। সাথী খালাও ধোনটা চুষতেলাগলো।ঠিক যেন চকবার খাচছে। পাক্কা দশ মিনিট চুষার পর আমি মাল ঢেলে দিলাম খালার মুখে। তারপরখালামণিকেশোয়ালাম... দুধ চুষতে লাগলাম ... আর এক হাতে আরেকটা দুধ টিপতে লাগলাম। খালামণি শীৎকারকরতেলাগলো। সুখে খালার চেহারাসহ পাল্টে গেছে। দুধ চুষতে চুষে আমি খালাকে কিস করতে লাগলাম। পেটের নিচেআস্তেআস্তে কিস করতে করতে নিচে নামলাম। খালার ভোদায় মধ্যের আঙ্গুলটা ঢুকায়া দিয়া আস্তে আস্তে নাড়তেলাগলাম।এরই মধ্যে খালা উহহহ আহহহ শুরু করছেন ... আঙ্গুল বের করে খালামণির ভোদায় মুখ লাগালাম .... খালামণিকেপে উঠলো .. জিহবা দিয়ে লিচ করলাম ... এরই মধ্যে খালামণি তার গুদের জল খসায়ছে ....
এইবার খালামণির পা দুইটা ফাস করে আমার ধোন বাবাকে সেট করলাম। খালামণি তার হাত দিয়ে বরাবরপজিশনসেট করলো। আমি আস্তে করে ঠাপ দিলাম। অল্প ঢুকালরাম। খালার গুদ পুরা ভিজা তখন। আর দেরী নাকরে দিলামজোরে ঠাপ। খালা চিৎকার করে উঠলো। বললো, ওরে হারামী অত্ত জোরে চাপ দিলি কেন .. ব্যাথাপাচ্ছি ... ওফফফ ব্যাথায় মরে গেলাম ... উফফফফ। আমি দেরি না করে ঠাপাতে লাগলাম ... কিছুক্ষণ পর খালারগোঙানিসুখে পরিণত হলো ... খালা বলতে লাগলো ... ঊফফফ আরেকটু জোরে.... আহহ ... হচ্ছে.... উহহহ ... আরাম ... উফফফ ... দে আরো দে .... ওহহহহ ... আহহহহহহ ... তুই কই ছিলি এতোদিন .... আহহহহহ ... ইসসসসসস
আমিও পুরা হট হয়ে গেলাম .. জোরে জোরে ঠাপাতে লাগলাম আমার প্রিয় খালামণিকে। কিছুক্ষণ পর খালা মালআউটকরে দিল। এইবার খালামণিকে উপরে দিয়ে আমি নিচে আসলাম। খালামণি আমাকে ঠাপাতে লাগলো। আমিওতলঠাপ দিতে লাগলাম। খালা সুখের আগুনে আমাকে জোরে জোরে ঠাপাতে লাগলো .. আমার ধোন বাবার অবস্থাতখনমহা খারাপ। আমি খালাকে ডগি স্টাইলে দিয়ে চুদতে লাগলাম। বেশীক্ষণ পারলান না। ৬/৭ ঠাপ দেওয়ার পরআমারমাল খালামণির গুদে ঢেলে দিলাম। নেতিয়ে পড়লাম। খালার গুদ থেকে ধোন বের করে শুয়ে পড়লাম।খালামণিও এসেআমার পাশে শুয়ে পড়লো। আমাকে জড়িয়ে ধরে বললো, তুই আসলেই একটা জিনিস ... বল তোএইবার তর নেক্সটটার্গেট কে। আমি কিছু বললাম না, শুধু হাসলাম ...
বৃষ্টিস্নাত ঈদ আনন্দ

বৃষ্টিস্নাত ঈদ আনন্দ

মাইশার সাথে নতুন ভাবে কথা বলা শুরু করলাম প্রায় ৪/৫ মাস পরে। এতো দিন পরে কথা বলার কারনে অনেক কথা জমে ছিলো। ফোনে প্রায় প্রতিদিনই ৩০/৪০ মিনিট কথা হতো। যাহোক মাইশার সাথে আগে থেকেই অনেক খোলামেলা কথা বলতাম। নতুন ভাবে শুরু করার পর যেন তা আরও বেড়ে গেছে। যার প্রধান কারন মাইশার স্বামীর সাথে মাইশার মনের দুরত্ব বাড়া। তাই আমার সাথে কথা বলে হয়তো তার ভালো লাগতো। এভাবে কথায় কথায় তাকে আমি kiss দেবার offer করি। মাইশা তা সানন্দে রাজী হয়ে যায়। আমরা plan করি ঈদের দিনের জন্য।নানা ভাবে আমরা plan করতে লাগলাম। রোজার কিছু আগে আমাদের plan চুড়ান্ত হলো। আমাদের ঈদের দিনের plan ছিলো আমরা দুইজনেই আমাদের বন্ধু আজাদের বাসায় বেরাতে যাব। যেহেতু আজাদ একমাত্র আমাদের ঘটনা জানে তাই সে ই আমাদের সাহায্য করতে পারবে।

সেভাবেই আমাদের ১ মাস আশায় আশায় কেটে গেল। ঈদের দিনে সকাল থেকেই বৃষ্ট হবার ফলে আমাদের পরিকল্পনা বাস্তবায়নে কিছুটা নিরাশা দেখা দেয়। দুপুর ২ টার দিকে মাইশা আমাকে ফোন দিয়ে তার plan জানায়। ফলে আমি বেশ খুশি হই। বৃষ্টি হবার ফলে সবার ঈদের আনন্দ মাটি হয়ে যায় তাই অনেকেই ঈদের দুপুরে ঘুমিয়ে পরে। এই সুযোগে মাইশা তার রুমে ঘুমতে যায়(সবাই জানে)।কিন্তু মাইশা তার রুমের দরজা লেগে দিয়ে একটা ছাতা নিয়ে বন্ধু আজাদের বাসায় ছলে আসে আমিও সেখানে আগে থেকেই ছিলাম। প্রথমে আজাদের বড় বোন আমাদের সাথে কথা বলে চলে যায়। আর আজাদ ফোন কথা বলার নাম করে তার দরজার সামনে দাঁড়ায়( আমাদের পাহারা দেবার জন্য) আমি কিছুটা এগিয়ে গিয়ে মাইশার হাত ধরি এবং মাইশাকে জরিয়ে ধরে lip kiss করতে থাকি। মাইশা ছিল kiss দেয়ায় খুবই পটু। তার performance ছিল খুবই ভাল। আমি তার গলাতেও কিস দিতে থাকি। একপর্যায়ে আমি তার দুধে হাত দেই এবং আলতো ভাবে ছাপ দিতে থাকি। এটাই ছিল আমার নারী দুধে প্রথম স্পর্শ। আমি বেশ উত্তেজিত হয়ে পরি। তবে মাইশা কিছুটা ভয় পাচ্ছিল। আমি এক পর্যায়ে জামার ভেতরে হাত ঢুকিয়ে দেই। মেয়েদের দুধ এতোটা নরম আমার জানা ছিলোনা। একবার তাকে জরিয়ে ধরে বিছানার মাঝে চাপেও ধরেছিলাম। তবে বৃষ্টি ছেড়ে যাবার ফলে মাইশা আর থাকতে চাইলোনা । ৩০ ম,ইনিট থেকে সে বাসায় চলে গেলো। আরো ৩০ মিনিট পরে প্রায় সবাই বাসার বাইরে বেরুতে লাগলো আমি ও আজাদও বাইরে হাটতে বেরুলাম। বেরিয়ে দেখি মাইশা তাদের বান্ধবিদের নিয়ে বেরিয়েছে। আমিসবাইকে ঈদ মোবারক জানালাম। মাইশাকে বললাম �অনেক দিন পরে তোমার সাথে দেখা হল, কেমন আছ����..� কিছু আগের ঘটনা কেউই জানতে পারলনা। মনের আনন্দে আমাদের ঈদের দিনটা পেরিয়ে গেল। যদিও বৃষ্টির কারনে অনেকেরই ঈদ ভাল কাটেনি।

ঈদের দিনের সুখ স্মৃতি ভোলার আগেই। আমরা আর একটা সুযোগ পেয়ে যাই।

ঈদের দিনের স্মৃতির কথা ভোলার আগেই পেয়ে গেলাম আর একটা সুযোগ। দুই দিন পর মাইশার বাবা কোন এক কাজে দেশের বাইরে চলে যায়। ফলে তাদের বাসায় শুধু তার ভাই ও মা থাকে।

এক সন্ধ্যায় মাইশা আমাকে ফোন করে আসতে বলে। আমি বন্ধুদের একটু বসতে বলে তাদের বাসায় চলে আসি। তার মা অন্য ঘরে কি যেন করছিল। আমি সাবধানে তার রুমে চলে যাই। এ সময় সাধারনত তার ভাই বাসায় থাকে না। ফলে আমি হাতে যেন আকাশ পেয়ে যাই। আমি মাইশাকে জরিয়ে ধরে চুমু দিতে থাকি। আমার হাত যেন জেগে ওঠে। আমার হাত তার দেহের বিভিন্ন স্থানে যেতে থাকে। আগে থেকে বলে রাখার জন্য মাইশা ব্রা/পেন্টি কিছুই পরেছিল না। আমি তার পাতলা জামাটা গলা পর্যন্ত উঠিয়ে দিয়ে তার এক স্তনে কিচ ও অন্য স্তন নিয়ে নারাচারা করতে থাকলাম। চুমুতে চুমুতে তার সারা দেহ লাল করে দিলাম। চমৎকার নাভী মাইশার, নাভীতে উম্মাতাল চুমু দিতে থাকি আমি সে আনন্দে চিৎকার দিতে থাকে। আমি তার পাজামার ফিতাতে হাত দিয়ে টেনে দিতেই তার পাজামা মাটিতে পরে যায়। ফলে প্রথম বারের মত আমি মাইশার উন্মুক্ত ভোদা দেখতে পাই। আমি যেন থমকে যাই। বাল বিহীন একটি গিরি খাদ। আমি নাভী ছেড়ে মাইশার ভোদা নিয়ে মেতে উঠি। ভোদাতে মুখ দিয়ে চুষতে থাকি। মাইশা যেন পাগল হয়ে যায়। মাইশা আমার প্যান্টের জিপার খুলে দিয়ে আমার লিঙ্গ নিয়ে খেলায় মেতে উঠে। আমরা 69 স্টাইলে একে অপরকে নিয়ে মেতে উঠি।এভাবে আমরা ৩০ মিনিট পার করে ফেলি।

কিছু পরে যখন আমাদের অবস্থা বেশ খারাপ হয়ে গেল তখন আমি মানি ব্যাগের পকেট থেকে একটা কনডমের প্যাকেট বের করি। মাইশা তা আমার লিঙ্গে লাগিয়ে দিলে আমি মাইশাকে নিচে ফেলে দিয়ে তার ভোদাতে আমার লিঙ্গ স্থাপন করে একটা চাপ দেই এক চাপেই তা অর্ধেকটা ঢুকে যায়। এরপর আমি পাগলের মত মাইশাকে চুদতে থাকি।আমার ঠাপার তালেতালে মাইশাও তলঠাপ দিতে থাকে। প্রায় ২০ মিনিট পর আমরা চুরান্ত পর্যায়ে চলে যাই এরপর আমরা দুজনেই মাল আউট করে নিস্তেজ হয়ে পরি। এভাবে ১০ মিনিট আমরা একে অপরকে জরিয়ে ধরে কাপড় পরে নেই। চলে যাবার আগে আবারও আমি মাইশাকে কিছুক্ষন জরিয়ে ধরে রেখে বিদায় দিয়ে আমার বন্ধুদের কাছে চলে আসি। আমি কোথায় গিয়ে ছিলাম তা আজাদ কিছুটা আচ করতে পারলেও অন্যরা কিছুই বুজতে পারলনা।
Pumping and peeing Penny

Pumping and peeing Penny

How many mad people can you get in a house? A lot! A bloody great lot! Even with room to clutch a glass or tin of something alcoholic, you can get a lot in. Our hosts pad is big too, set back off the road in smart London suburbia. Fuck the neighbours he says, we party only once in a while. I like Mike. i've always liked him and not just because he works in the music business. i like him for his nerve, for his cheek, for his fuck the world attitude. I just don't like his attitude as regards Penny my wife. When the invite came she rang him and asked if someone she knew, Theo, could come along too?  He said yes. He even asked her if the guy was fucking her and she said yes. He asked if I knew that Theo was fucking her and she said yes to that too. It was gutting, so he said sure Theo must come. it was 'neat' that I was so relaxed that she was with a bigger a better man. Well, if you looked like Penny, you wouldn't be with a wimpier one....would you?
So we're here and the scene...well it is good. It's bloody good! The music has a base on it designed to loosen roof joists. The selection of music, well, it makes you want to loosen every bone in your body. People ae smoking...smoking sweet herbal stuff. Penny was with me until Theo arrived. Then I watched her stroll langorously over to him, watching how his eyes clocked the belt widith black leather micro skirt that she wore. Other people saw that. other people we knew too. I saw Mike smirk. Great guy as he is, well, there is a bastard inside him too. Nice people get rolled over. The only neat chick is a bitch who knows about the cunt between her legs. I watch my wife kiss Theo, open mouthed. His black lips on her soft pale pink lipstick mouth, gently opening, openly snogging. She taps the ash from her tab and lets him draw her into his embrace. I see her glance across at me. Its a glance she has used before at home, when he has come over. Its a disdainful pout, a fucking 'so there' pout. Now...now...its used in public for the first time.
My face is reddening. I can feel the others watching me. I can feeling their fucking smug grins! What to do? I decide to walk over to them, to look as tough Theo is my friend too. My wife is cock teasing right...and i am in on it. When I reach them, tight packed in the corner of the room with others, Penny checks my approach.
'Oh go away and enjoy yourself Toby..be a good boy.'
Two bitches beside her openly smile. Bitches, they love seeing a weaker male put down by a woman. Theo glares at me. I am to piss off. 
I say something stupid about 'catching up later'. I mumble it and step away.
One of the bitches laughs and Penny accepts a well done kiss from her alpha.
Mike is waiting at the bar set up across the room. His face is concialtary. It wasn't before, but it is now. He can switch his face at will...he can.
'How long he been screwing her?' he asks, handing me a replacement.
I sigh. I gulp down the beer. I want to say ironically, 'too long', but its a serious question and he's my host.
'Just over four months'
Mike nods.
'She give you any?'
I shake my head.
'Nah...he pretty much has the run of the house.'
We watch the pair of them. The way that he touches her is intimate. The others around them clearly like it. They look like the 'fine couple'.
'He fucking you too?'
I gawp. The question is fucking outrageous!
Mike smiles.
'It's what happens ain't it? The big guy takes over, elbows you out and then keeps you out by showing her what a faggot you've been made.'
He raises his eyebrows. The question has been reiterated.
'No...he hasn't fucked me yet Mike' I observe testily.
'But you suck his cock for him...cos she likes that....'
Another gasp. I can't believe this guy!
He waits.
'Look,' he said, 'if you ain't rolled over for the guy, then you'd have either tried to plant him one ny now, or else moved out. I know the house is in Penny's name...so I do the maths.'
'I suck cock' I also blush....I also blush and blush and blush.
'It's alright man. It's OK, I can picture him up her...they're dude together for sure.'

We're settling to other topics then, his new fucking Merc which has more faults that you could throw a spanner at. But I watch Penny. I watch  Theo lead her across the room and through another door. He leads her on through the door and towards the orangery. Yeah...I know, the house is that big and that old too. I have to follow them. i have to. Its like they're the lamp and I'm the moth. Mike nods. May be he understands. In any case he follows. He follows may be because he doesn't want a row at his party. May be he follows purely out of curiosity.
We make a social, a nod and laughter progress through the mass of humanity that clogs his rooms. I'm handed yet another beer and drink that one down as we go. Theo, Penny, they have got out of sight...but its too the Orangery they went.
'You lick her feet sometimes when he fucks her...you suck her toes then?' Mike asks superciliously. Fuck!
'Please!' I complain.
'But you watch them right...you watch him wreck her?'
I nod.
As soft as you like we land in a corner of the door to the Orangery and there the tableau before us. Against the wall, not interrupted by other guests, my wife pinned against the wall. He has already got her black blouse open and he is fondling her tits. I watch them lock mouths, her slim arms about his neck. She makes little mewing sounds as they neck.
'She's perfect for him...right height, right build, pert little arse in that skirt...look at the way she parts her legs when he pushed his hand down there,' Mike observes.
I stare sunken eyed.
Theo has worked his fingers inside her knickers and he is fingering her, fingering her deeper and deeper. She groans.
'If you went up against him...' Mike murmured, 'he'd total you.'
They saw us then. A slow look. A brief interruption look. No alarm, no hassle.
Theo gestured me over. Mike nodded. No smirk, no sarc comment. Still I blanched at the gesture. I blanched white. 
Theo's look, it came again.
I stepped over. I stepped over without looking back at Mike...and I bent down and pulled down Penny's knickers as expected. She never looked at me. She NEVER looked at me, staring only up at HIM! Fuck it.
Theo stared again. no words. No fucking words.
I did as silently bade. I unzipped the fly of his pants and i pulled out his erection. It is ebony and with a paler, a pinker glans on top. His cock is circumcised and it is big. I lick it. I suck it once, quickly, whilst my wife watches. I can't look back. I can't bare to imagine what Mike is thinking.
Theo nudges me aside and with the briefest steerage of Penny's hand, it goes between her lips and then up into her.
'Ooooorgh' A sudden gasp. He goes up her to the hilt and she clings to him. So snug, so fucking snug!
He starts to bounce her petite body up and down on the slimey shaft of his cock. Again, again, again, again, again, again....
I watch her legs hook about him. I watch them hook and grasp. Her arms about his big shoulders, his shovel hands on her ass supporting her as he cunt sucks his cock.
'Nice fuck!' mutters Mike, 'she takes it well Tobe..she is way his, way his man!.'
It doesn't interrupt them. It doesn't! She's just gotta have it. She's just gotta get his load. That's how the fucker talks. Even though he says not a word, i've heard it, i've heard it so often before.
'Ple....please Theo..' she moans.
He chuckles. Then his voice descends...it is a growl now. The pounding...the pounding picks up.
'Theo....pleeease!' Penny's voice, husky, catching, catching in her throat.
He squirts. He has his legs apart, you can see his buttocks clench as he does so. you don't need to see his balls jerking man...you can just tell.
Penny is gasping....gasping...greedy for his mouth now....oh so greedy!
Watching her climax, watching her lock on the fucker. Oh god, dear god! She grinds against him, down, down into his horn. Her arms tangle him, grab him, wrap him as she tightens on his prick.
May be a woman climaxes a thousand different ways on the right man...I am still working my way through the catalogue. This one is back arching, peppered with soft little expletives. 'Darling', 'darling' in the mix. 
Still he spunks her. Fuck.
A sudden deeper gasp. She falls on his shoulders like a cloth doll. The heat, the clenching, the wave it is topped and she falls broken.
I watch him kiss her tenderly.
'You need that huh?' he whispers.
She nods.
He lifts her off his cock and sets her feet back on the floor. You can see...you can see that she is uncertain there. She looks shaken, drawn by the sheer power of it.
'Get his face on your honey pot' he instructs. He glances at me. I kneel forward. Penny holds up the hem of her tiny skirt, grabs my hair and pulls my mouth to her sex. She uses my mouth like a lip stick. I am smeared all over her spermy cunt, feeling all the time her wet lips move. She stinks and tastes of the man.
'I need to pee' she whispered urgently.
He looked into her eyes...
'so?' he murmured.
I am pushed back into the ground by the guy. Oh fuck no! I am pushed down onto my back and see to my left Mike staring, staring.
My wife straddles me. First over my chest then up to my face. She edges higher and she pulls up the hem of her skirt so she can see. She glances up at Theo, glances up for his approval.
Oh no...hell...
The first flow of her pee hits me. It hits me on the cheek and sprays up into my eyes. Fuck! The flow, the flow, its really hard, really strong. Theo kicks my shoulder and I open my mouth. Penny re angles her body and I start to swallow, I swallow as fast as I can.